Adani Power ने 1:5 स्टॉक स्प्लिट की घोषणा, रिटेल निवेशकों के लिए नया अवसर

स्टॉक स्प्लिट की मुख्य बातें

Adani Power Limited ने अपनी पहली स्टॉक स्प्लिट का ऐलान किया, जिसमें हर एक ₹10 के मौजूदा शेयर को पाँच ₹2 के शेयरों में बदल दिया जाएगा। बोर्ड ने इस 1:5 अनुपात को 22 सितंबर को लागू करने की मंजूरी दी। इसका मतलब है कि यदि आप पहले 100 शेयर रखते थे, तो अब आपके पास 500 शेयर होंगे, लेकिन कुल निवेश का मूल्य वही रहेगा।

रजिस्टर डेट 22 सितंबर तय किया गया, जिससे उस दिन के बाद शेयरधारकों को नई शेयर संख्या मिलती है। ही ट्रेडिंग के दिन शेयरों ने 18% का उछाल दिखाया और 52‑हफ्ते के सर्वश्रेष्ठ स्तर पर पहुँच गए। यह तेज़ी निवेशकों के भरोसे का संकेत है, खासकर जब कीमत कम हो गई और छोटे निवेशकों के लिए अधिक सुलभ हो गई।

बाजार में प्रतिक्रिया और आगे का असर

स्प्लिट से पहले, Adani Power के शेयर 2025 में 35% से अधिक बढ़े थे, जो सकारात्मक भावना को दर्शाता है। स्प्लिट के बाद खोलते‑ही शेयर ₹147.9 पर ट्रेड हुए और एक ही सत्र में ₹170.15 तक पहुंच गए, जिससे लघु‑समय में 20% की बढ़त देखी गई। यह ऊपरी सर्किट सीमा को भी छू गया।

इसी समय, भारत के प्रतिभूति नियामक SEBI ने Adani समूह के खिलाफ Hindenburg Research द्वारा लाए गए आरोपों को खारिज कर दिया। नियामक ने कहा कि रिपोर्ट में बताए गए लोन और अधिग्रहण के दावे बुनियादी रूप से गलत थे और सभी ऋण ब्याज सहित चुका दिए गए थे। इस क्लियरेंस ने पूरे समूह की शेयरों में खुशी की लहर दौड़ा दी – Adani Enterprises, Adani Energy Solutions और Adadi Green Energy के शेयर भी क्रमशः 4%, 6% और 8.84% बढ़े।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की स्प्लिट उन कंपनियों के लिए एक सही कदम है, जिनकी शेयर कीमतें काफी बढ़ चुकी हों। कीमत कम होने से ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ता है, बाजार गहराई में सुधार होता है और छोटे निवेशकों का दिल जीतना आसान हो जाता है। Adani Power ने इस कदम से यह भी दिखाया कि कंपनी भविष्य में मजबूत विकास की ओर देख रही है और अपने शेयरधारकों के लिए अधिक मूल्य सृजन की कोशिश कर रही है।

खरीददारों के लिए अब ₹2 की कीमत पर शेयर मिलना आसान हो गया है, जिससे पोर्टफोलियो में विविधता लाने के रास्ते खुले हैं। निवेशकों को अब इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि स्प्लिट से मूल निवेश मूल्य नहीं बदलता, पर शेयर की संख्या बढ़ती है, इसलिए भविष्य में कंपनी के लाभांश और मूल्य वृद्धि पर असर पड़ सकता है।

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