भारत के वित्तीय जगत में बजट 2025 एक विशेष दिन बनकर आया क्योंकि यह वह दिन था जब शेयर बाजार को सामान्य से अलग तरीके से खोला गया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) दोनों ही 1 फरवरी 2025 को खुले, जोकि सामान्यतः शनिवार जैसे अवकाश के दिन नहीं होते। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि इस दिन भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। आमतौर पर बजट दिन को निवेशक उत्सुकता से देखते हैं क्योंकि नीति में बदलाव बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।
निर्मला सीतारमण का यह बजट पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट था। सुबह 9:15 बजे से शुरू होने वाले इस विशेष सत्र को शाम 3:30 बजे तक चलाने का निर्णय लिया गया था। वित्तीय वर्ष 2025-26 में जीडीपी के 6.3% से 6.8% तक बढ़ने का अनुमान लगाया गया था। इससे पहले हुए आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार बुनियादी ढांचे में निवेश की अधिक आवश्यकता बताई गई थी, जिसके तहत निजी क्षेत्र से अधिक वित्तीय सहायता की मांग की गई थी।
साल 2024 के बजट के दौरान, जो योजनाएँ बनाई गई थीं, उनमें डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की घोषणा की गई थी। इस बड़ी योजना के तहत भारत सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ₹11 लाख करोड़ का निवेश निर्धारित किया था जो कि जीडीपी के 3.4% के बराबर था। इस बड़ी आर्थिक योजना को कार्यान्वित करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ सहयोग करने की भी बात कही गई।
वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किए जाने से पहले ही आर्थिक वातावरण में सकारात्मकता की लहर आ गई थी। उसके पहले ही शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 741 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी भी उछाल के साथ 23,500 के ऊपर रहा। हालांकि बजट प्रस्तुतिकरण के पश्चात, सेंसेक्स थोड़े से अंक बढ़कर 77,505.96 पर बंद हुआ। इस विशेष दिन के बाजार संचालन में निवेशकों ने विविध प्रकार की उम्मीदें लगाई थीं। कुछ कंपनियों के शेयर सकारात्मक रहे, जबकि कुछ को बजटीय सूचनाओं के प्रभाव में नुकसान उठाना पड़ा।
आर्थिक सर्वेक्षण जिन दिशा-निर्देशों की तरफ इशारा करता है वह दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता की दिशा में नेतृत्व करेगा। इसमें संसाधनों की नई खोज की आवश्यकता और निजी क्षेत्र के निवेश की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र किया गया था। भारत का ध्यान अब अपने बुनियादी ढांचे के माध्यम से उत्पादकता और विकास को बढ़ावा देने पर है, और यही बजट पेशकश का मुख्य केंद्रबिंदु था।
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