एफबीआई के नवनियुक्त निदेशक काश पटेल ने पश्चिमी मीडिया की अयोध्या के राम मंदिर उद्घाटन की कवरेज पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को बढ़ते हिन्दू राष्ट्रवाद के रूप में प्रस्तुत करना और इसके 500 वर्षों के सांस्कृतिक महत्व को नज़रअंदाज़ करना, मीडिया का अपरिपक्व और एकतरफा दृष्टिकोण है।
पटेल का मानना है कि बड़ी बड़ी मीडिया संस्थाओं ने स्थान के 1500 ईस्वी से चले आ रहे इतिहास को दरकिनार किया और सिर्फ बाबरी मस्जिद विध्वंस (1992) पर ध्यान केंद्रित कर इसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया। उनके अनुसार, यह सिर्फ मोदी सरकार को बदनाम करने का एक साजिशभर है।
पटेल, जो पूर्व ट्रम्प समर्थक रहे हैं, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों का समर्थन करते हुए कहा कि यह कथित तौर पर उन्हें और ट्रम्प को एक समान मंच पर लाने की कोशिश है, जिसे वाशिंगटन का बड़ा तबका नापसंद करता है।
उन्होंने अपनी भारतीय जड़ों को गर्व के साथ प्रस्तुत करते हुए भगवद गीता पर शपथ ली और उनके माता-पिता के प्रति श्रद्धा अर्पण किया। उन्होंने अपने सुनवाई के अंत में 'जय श्री कृष्ण' कहकर अपनी भारतीय संस्कृति का सम्मान दिखाया।
तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उन्हें बधाई देते हुए उन्हें अब तक का सबसे अच्छा एफबीआई निदेशक बताया। उनकी नियुक्ति सीनेट में 51-49 वोटों के संकीर्ण अंतर से पारित हुई।
इन सब से यह साफ होता है कि काश पटेल की पृष्ठभूमि और उनकी सार्वजनिक स्थिति अमेरिका और भारत के बीच कूटनीतिक संबंधों में एक अनोखी स्थिति प्रदान करती है।
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