Freya Davies का आश्चर्यजनक रिटायरमेंट: 29 साल की उम्र में कोर्टरूम की ओर

Freya Davies का आश्चर्यजनक रिटायरमेंट: 29 साल की उम्र में कोर्टरूम की ओर

करियर का संक्षिप्त सफर

ससेक्स में 14 साल की उम्र में ही Freya Davies ने अपना पहला टी20 मैच खेला, जब उन्होंने मिन्डलेसक्स के खिलाफ शुरुआत की। दो साल बाद 50‑ओवर फ़ॉर्मेट में डॉमिनियन के खिलाफ उनका डेब्यू हुआ। इस शुरुआती कदम ने उन्हें आगे के कई बड़े मंचों पर ले जाने की नींव रखी।

2013 में ससेक्स ने काउंटी चैम्पियनशिप जीती और डेविस इस जीत में अहम भूमिका निभाईं। कुल 86 बार ससेक्स की ओर से खेलते हुए उन्होंने न केवल बॉलिंग में बल्कि टीम की रणनीति में भी योगदान दिया। बाद में उन्होंने लंदन स्पिरिट, वेल्श फायर (वुमेन हंड्रेड), साउदर्न विवर्स और हैम्पशायर जैसी टीमों में खेलकर अपनी बहुमुखी प्रतिभा सिद्ध की।

  • ससेक्स (2010‑2022)
  • लंदन स्पिरिट (वुमेन सुपर लीग)
  • वेल्श फायर (हंड्रेड)
  • साउदर्न विवर्स
  • हैम्पशायर

इंग्लैंड में उनका अंतरराष्ट्रीय पदार्पण दिसंबर 2019 में पाकिस्तान के खिलाफ ODI श्रृंखला में हुआ। जल्द ही वह राष्ट्रीय टीम की सटीक तेज़ गेंदबाज़ बन गईं, जहाँ उन्होंने 26 टी20I और 9 ODI में क्रमशः 23 और 10 विकेट लिए। उनकी गति और कंट्रोल ने इंग्लैंड के बॉलिंग अक्राम को काफी मजबूत बनाया।

रिटायरमेंट का कारण और नया मुकाम

रिटायरमेंट का कारण और नया मुकाम

जुलाई 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए वुमेन ऐशेज़ में उनका अंतिम अंतरराष्ट्रीय आउटिंग था। उस मैच के बाद डेविस ने अचानक घोषणा की कि वह पेशेवर क्रिकेट से संन्यास ले रही हैं और वकील बनने की पढ़ाई पूरी करने की योजना बना रही हैं। उन्होंने कहा, "क्रिकेट ने मुझे टीम वर्क, डिसिप्लिन और दबाव में निर्णय लेने की कला सीखी, जो अब मैं कोर्टरूम में लागू करना चाहती हूं"।

ससेक्स क्रिकेट क्लब ने उनका करियर सराहते हुए कहा कि उन्होंने जवानी में ही टैलेंट दिखाया और 15 वर्षों से अधिक समय तक खेल को समर्पित किया। क्लब ने उनके नए पेशे के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि उनका उदाहरण कई युवा खेल प्रतिभाओं को शिक्षा के साथ संतुलन बनाने की प्रेरणा देगा।

वकील बनने के लिए डेविस वर्तमान में लॉ स्कूल में नामांकित हैं और भविष्य में खेल कानून या महिला अधिकारों से जुड़ी केसों में काम करने का लक्ष्य रखती हैं। उनका यह कदम न केवल व्यक्तिगत एक बड़ी बदलाव को दर्शाता है, बल्कि खेल जगत में शैक्षिक और पेशेवर विविधता को भी उजागर करता है।