गुप्त सेवा प्रमुख से सुरक्षा खामियों पर जवाब चाह रहे हैं दोनों पार्टियों के विधायक

कैपिटल हिल पर गुप्त सेवा प्रमुख से सवाल-जवाब

गुप्त सेवा निदेशक किम्बर्ली ए. चीटले को सोमवार को कैपिटल हिल पर एक महत्वपूर्ण सुनवाई का सामना करना पड़ा, जहां विधायकों ने उनसे सुरक्षा खामियों पर तीखे प्रश्न पूछे। इस सुनवाई का मुख्य बिंदु था उस घटना की जांच करना जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प पर एक हत्या का प्रयास हुआ था। इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों के विरुद्ध कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

सुरक्षा खामियों पर कड़ी आलोचना

इस सुनवाई के दौरान, विधायक इस बात से नाराज दिखे कि कैसे गुप्त सेवा एक हथियारबंद व्यक्ति का पता नहीं लगा सकी जो पूर्व राष्ट्रपति से मात्र 500 फीट की दूरी पर एक छत पर तैनात था। इस हमले में गोली श्री ट्रम्प के कान को छूकर निकल गई थी। विधायकों ने निदेशक चीटले से इस बड़ी चूक के बारे में विस्तार से जवाब देने की मांग की, लेकिन कई सवालों का जवाब देने में उनकी अनिच्छा ने विवाद खड़ा कर दिया है।

विधायकों की चिंताएं

सुनवाई में, विधायकों ने निदेशक से सीधे सवाल पूछे जैसे कि गुप्त सेवा को इस तरह की बड़ी चूक क्यों हुई और क्या सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या सुरक्षा प्रोटोकॉल में कोई कमी है, जो इस घटना को रोक नहीं सकी। चीटले ने कुछ सवालों के जवाब में कहा कि एजेंसी इस मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रही है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए प्रयासरत है।

महिला कर्मियों की भर्ती पर जोर

इसके अलावा, चीटले ने एजेंसी में महिला कर्मियों की भर्ती और प्रशिक्षण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि गुप्त सेवा का एक मुख्य लक्ष्य है कि महिला कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि समानता और कार्य कुशलता को प्रोत्साहन दिया जा सके।

ट्रम्प और जिल बिडेन के कार्यक्रमों की तुलनात्मक सुरक्षा

सुनवाई में एक और मुद्दा उठा था जिसने विधायकों का ध्यान आकर्षित किया। चीटले ने ट्रम्प की रैली और प्रथम महिला जिल बिडेन के एक साथ आयोजित एक अन्य कार्यक्रम की सुरक्षा व्यवस्थाओं की तुलना की। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि दोनों कार्यक्रमों के बीच स्टाफिंग स्तर में कोई कमी नहीं थी और दोनों ही कार्यक्रमों के लिए समान सुरक्षा इंतजाम किए गए थे।

निदेशक चीटले की स्थिति पर सवाल

यह सुनवाई ऐसे समय में हुई जब चीटले के पद पर बने रहने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने इस पद को दो साल पहले संभाला था और इस घटना के बाद से उनकी स्थिति अस्थिर हो गई है। सुनवाई से पहले, चीटले ने एक साक्षात्कार में इस सुरक्षा चूक पर शर्मिंदगी जाहिर की और कहा कि इस घटना से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है।

एजेंसी के सामने चुनौतियाँ

गुप्त सेवा के सामने इस समय कई चुनौतियाँ हैं। एक ओर, उन्हें लगातार बढ़ते सुरक्षा खतरों से निपटना है, तो दूसरी ओर, उन्हें अपने सिस्टम को और अधिक विकसित और मजबूत करना है। विधायकों ने यह भी सवाल उठाया कि गुप्त सेवा को अपने उपकरण और तकनीक में और सुधार करने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

गुप्त सेवा के सुधारात्मक कदम

चीटले ने सुनवाई के दौरान यह बताया कि वे इस घटना के बाद से कई सुधारात्मक कदम उठा रही हैं। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने अपनी प्रक्रियाओं का पुनर्मूल्यांकन किया है और कई नये सुरक्षा उपाय जोड़े हैं। वे महिला कर्मियों की भर्ती और उनके प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दे रही हैं ताकि एजेंसी की कार्यकुशलता और संवेदनशीलता में वृद्धि हो सके।

भविष्य के उपाय

गुप्त सेवा ने यह भी घोषणा की है कि वे तकनीकी उपकरणों को और उन्नत करेंगे। ड्रोन और सर्विलांस कैमरों जैसी तकनीकों का उपयोग बढ़ाया जाएगा ताकि इच्छित स्थानों पर सुरक्षा की निगरानी और अधिक कुशलतापूर्वक की जा सके। इसके अलावा, वे नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेंगे ताकि उनके सभी कर्मी तैयार रहें।

सुनवाई के दौरान उठे अनेक सवालों का उत्तर देने में चीटले की अनिच्छा ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। इस घटना ने गुप्त सेवा के कामकाज पर एक गंभीर सवाल खड़ा किया है और यह देखने के लिए बाकी है कि क्या वे इन चिंताओं का समाधान कर सकते हैं और जनता का भरोसा वापस जीत सकते हैं।

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