झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधान सभा में विश्वास मत जीत लिया है, जिसमें 45 विधायकों ने उनके पक्ष में मतदान किया। यह परिणाम झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले गठबंधन का कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ राजनीतिक संबंधों की मजबूती का प्रतीक है। इस विश्वास मत के बाद हेमंत सोरेन और 10 अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। यह शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने आयोजित किया।
विश्वास मत की प्रक्रिया के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) के विधायक सदन से बाहर चले गए, जिससे मतगणना के दौरान हेमंत सोरेन के पक्ष में पर्याप्त MLA थे। मतदान करने वाले कुल 45 विधायकों में से 27 JMM से, 17 कांग्रेस से और 1 RJD से थे। इस संसदीय कार्यवाही के बाद 11 मंत्रियों ने शपथ ली और राजभवन में आयोजित इस बड़े समारोह में महत्वपूर्ण हस्तियों और जनता की भारी भीड़ ने भी हिस्सा लिया।
हेमंत सोरेन की सरकार ने यह महत्वपूर्ण विश्वास मत जीता, जिससे उनकी राजनीतिक ताकत का परिचायक है। इससे पहले, 3 जुलाई को चंपाई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिससे हेमंत सोरेन की वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ। हेमंत सोरेन को 28 जून को एक भूमि घोटाले के मामले में जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा किया गया था। इस घोटाले के आरोप में उन्हें 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। इस अवधि के दौरान चंपाई सोरेन ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री का पद संभाला था।
इस नई सरकार के सामने कई चुनौतियाँ हैं। राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने समारोह में यह संकेत दिया कि नई सरकार का प्रमुख ध्यान राज्य के सबसे गरीब तबके को राहत देने और उनकी आवश्यकताओं को संबोधित करने पर होना चाहिए। इस दिशा में कई योजनाएं और नीतियां बनाई जाएंगी और उन्हें जल्द ही लागू किया जाएगा ताकि आम लोगों की जिंदगी में सुधार हो सके।
राजनीति के इस नए दौर में, विपक्षी दलों की रणनीति और उन्हें सरकार के खिलाफ मजबूती से खड़ा करना भी एक महत्वपूर्ण पहलू होगा। बिरोधी दल यह दिखाने का प्रयास करेंगे कि उन्होंने इस विश्वास मत के खिलाफ सदन से बाहर जाने का निर्णय क्यों लिया था और उनकी भविष्य की योजनाएं क्या होंगी।
11 मंत्रियों का यह शपथ ग्रहण समारोह झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। नई सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना और रोजगार के अवसर बनाना शामिल हैं। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में भी सुधार की योजनाएं बनाई जा रही हैं ताकि किसानों को बेहतर सुविधा और मदद मिल सके।
विपक्ष का यह कहना है कि नई सरकार को जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा। इसमें महत्वपूर्ण भूमिका दैनिक जीवन में सुधार, परिवहन सुविधा, जल आपूर्ति, स्वच्छता और महिलाओं की सुरक्षा है। जनता को उम्मीद है कि नई सरकार इन सभी मुद्दों पर गंभीरता से काम करेगी और उन्हें शीघ्र ही समाधान देगी।
इस नई सरकार की कार्य करने की दृष्टि से आने वाला समय महत्वपूर्ण होगा। हेमंत सोरेन की नेतृत्व क्षमता का प्रभाव अब उनके कार्यों और नीतियों पर ही निर्भर करेगा। राज्यवासियों की आँखें अब इस बात पर टिकी हैं कि सरकार उनके लिए क्या नई योजनाएं और नीतियाँ लाएगी और उन्हें कितना फायदा मिलेगा।
एक टिप्पणी लिखें