जाने-माने कोच कार्लो एंसेलोटी ने वेलेंसिया के खिलाफ खेल के दौरान हुए विवादास्पद रेड कार्ड दे दिए जाने के बाद विनीसियस जूनियर का मजबूती से बचाव किया। यह घटना 3 जनवरी 2025 को लिगां मैच के दौरान मेस्टाला स्टेडियम में घटित हुई। दूसरे हाफ के 79वें मिनट में विनीसियस जूनियर ने विरोधी गोलकीपर स्टोले डिमित्रिएव्स्की की उकसावे वाली हरकत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्हें धक्का दिया। रेफरी सेसर सोतो ग्राडो ने इस घटना को हिंसक व्यवहार के रूप में परखा और विनीसियस को रेड कार्ड थमा दिया। एंसेलोटी ने इस फैसले से असहमति जताते हुए कहा कि यह रेड कार्ड नहीं होना चाहिए था।
यह अब विनीसियस जूनियर के करियर का दूसरा रेड कार्ड है जो दोनों ही बार वेलेंसिया में दर्ज हुआ। दिलचस्प बात यह है कि विनीसियस पहले भी वेलेंसिया के खिलाफ इस स्टेडियम में विवादों में घिर चुके हैं। मई 2023 में वेलेंसिया के कुछ प्रशंसकों ने विनीसियस के खिलाफ नस्लीय टिप्पणियां की थीं जिसके कारण तीन दर्शकों को आठ महीने की सजा भुगतनी पड़ी थी।
इस विवादास्पद मुकाबले के बावजूद, रियल मैड्रिड ने मैदान पर अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए 10 खिलाड़ियों के साथ खेल को पलटा और दो अंतर्निहित गोल के साथ 2-1 से चौंकाने वाली जीत दर्ज की। मैच में वेलेंसिया ने शुरुआत में ह्यूगो डुरो के गोल से बढ़त हासिल कर ली थी लेकिन रियल मैड्रिड ने 95वें मिनट में जूड बेलिंगहम द्वारा विजयी गोल किया।
रेड कार्ड के बाद विनीसियस जूनियर ने सोशल मीडिया पर अपनी टीम से माफी मांगी। उन्होंने लिखा, "क्षमाप्रार्थी हूं, और धन्यवाद, टीम।" यह घटना साबित करती है कि विनीसियस का टीम भावना और खेल में लगी तत्परता किसी भी स्तर पर उनकी स्थिति को नहीं बदल सकती। इस जीत ने रियल मैड्रिड को ला लीगा की शीर्ष स्थिति पर कायम रखा है।
रियल मैड्रिड के आत्मबल और संघर्ष ने दिखा दिया कि टीम किसी भी विपरीत परिस्थिति को पीछे छोड़ सकती है। यह जीत इस बात का प्रतीक है कि जब एक खिलाड़ी के इर्दगिर्द विवाद की परतें होती हैं, तब भी टीम में एकजुटता और मजबूत इरादा होना चाहिए। ऐंसेलोटी के नेतृत्व में टीम का यह अभूतपूर्व प्रदर्शन सभी को प्रेरणा देने वाला है।
आगे देखने को मिलता है कि किस तरह से वेलेंसिया बनाम रियल मैड्रिड के मुकाबले ने एक बार फिर से खेल और वाद-विवाद की उल्लेखनीय मिसाल पेश की है। ऐसे मुकाबले क्रिकेटर और प्रशंसक दोनों के लिए ही यादगार हो जाते हैं। इस खेल के दौरान जुटे दर्शकों ने तात्कालिक निर्णायक क्षणों को देखा और गूंज के बीच अपने मनोबल को बढ़ाया। विवाद, जीत और हार के यह पल ही खेल को जीवन का प्रतीक बनाते हैं।
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