जुलाई 26, 2025 को ज़िम्बाब्वे के हारारे स्पोर्ट्स क्लब में नई साल के खेल का सबसे बड़ा मैच हुआ – T20 ट्राई-सीरीज़ फाइनल। न्यूज़ीलैंड ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 20 ओवर में 180 रन बनाए, जबकि साउथ अफ़्रीका 177 रन पर वापस रुके। तीन रन के अंतर से न्यूज़ीलैंड ने जीत अपने नाम की, और मैट हैनरी को प्लेयर ऑफ द मैच का ख़िताब मिला।
मैच की शुरुआत में दोनों टीमें हिम्मत नहीं खोइं। न्यूज़ीलैंड की शुरुआती पारी में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई, पर दो‑तीन विकेट जल्दी गिराने से बाद में टॉप ऑर्डर को संभालना पड़ा। इस बीच, दक्षिण अफ़्रीकी गेंदबाजों ने लुंगी अंगिडी और सेनूरन मूथुसामि को क़ीमत पर रखकर दो‑तीन विकेट लिये, पर उनका दवाब पूरी तरह नहीं टिक पाया।
बेटिंग के दौरान, डेवॉन कॉनवे और राचिन रविंद्रा दोनो ने 47‑47 का शानदार शॉट मारकर टीम को ठोस आधार दिया। कॉनवे ने 31 गेंदों में 47 रन बनाये, जबकि रविंद्रा ने तेज़ी से 27 गेंदों में वही आंकड़ा हासिल किया। दोनों की साझेदारी ने न्यूज़ीलैंड को 100 रनों के करीब ले गया, जिससे वे आगे की योजना बना सके। बाकी बाचती पारी में अडम मिल्ने और मैट हैनरी ने क्रमशः एक‑एक विकेट लिये, जिससे स्कोर स्थिर रहा।
डिफ़ेंडर के लक्ष्य 180/5 से बहुत अधिक नहीं था, पर साउथ अफ़्रीका ने बहुत ही जलजली चलाते हुए कोशिश की। ल्हुआँड्रे प्रेटोरियू ने 35 गेंदों में 51 रन बनाकर टीम का नेतृत्व किया। उनका शॉट चयन और हिटिंग क्षमता उल्लेखनीय थी, और उन्होंने अक्सर तीव्र गति से स्कोर किया। रीझा हैंड्रिक्स ने 31 गेंदों पर 37 रन जोड़कर समर्थन दिया, पर बीच‑बीच में फिसलते गुमाने ने इंग्लैंड को घना बना दिया।
न्यूज़ीलैंड की गेंदबाज़ी ने आख़िरी ओवर में दबदबा बनाया। मैट हैनरी ने 3 ओवर में केवल 19 रनों पर दो विकेट लिये, जिससे उनके साथियों को आसानी से लक्ष्य पर रुकाव मिला। उनके सटीक लाइन और लीन थ्रो ने साउथ अफ़्रीका के बिचले क्रम को निचे धकेला। अडम मिल्ने ने भी 4 ओवर में एक विकेट लेकर टीम की जीत में योगदान दिया। अंत में, साउथ अफ़्रीका 177/6 पर समाप्त हुआ, जबकि ट्रैग-एंड-ट्रैप के बाद न्यूज़ीलैंड ने 3 रन से जीत हासिल कर ली।
इस जीत से स्पष्ट हुआ कि न्यूज़ीलैंड की टीम तब तक मजबूती दिखा सकती है, जब तक उनके पास दो-तीन भरोसेमंद खिलाड़ी हों जो दबाव में भी शांति बनाए रखें। ट्राई-सीरीज़ फॉर्मेट में उनकी रणनीति स्पष्ट थी – शुरुआती पारी में स्थिरता, मध्य में आक्रमण, और अंतिम ओवर में सटीक बॉलिंग। साउथ अफ़्रीका ने भी दिखाया कि उनके पास युवा शक्ति और आक्रमणात्मक क्षमताएँ हैं, पर कुछ महत्वपूर्ण मोमेंट में गेंदबाज़ी को संभालना मुश्किल रहा।
भविष्य के मैचों में दोनों टीमों को इस फॉर्मेट में कैसे सुधार करना चाहिए, इस पर कई सवाल़ उभरे हैं। क्या न्यूज़ीलैंड की टॉप ऑर्डर बैट्समैन अपनी स्थिरता जारी रख पाएँगे? साउथ अफ़्रीका की गेंदबाज़ी को कैसे अधिक सटीकता मिलेगी? इन सवालों के जवाब अगले टूर्नामेंट में और स्पष्ट होंगे।
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