फेडेरिको चिएसा का नाम इतिहास के पन्नों में उस समय दर्ज हो गया, जब उन्होंने यूरो 2020 में इटली को जीत दिलवाई थी। सिर्फ 22 साल की उम्र में, चिएसा ने अपनी बेहतरीन खेल शैली से लाखों प्रशंसकों का दिल जीत लिया था। उनके इस प्रदर्शन के बाद फुटबॉल विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की थी कि वह आने वाले समय में बैलन डी'ऑर के मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं।
चिएसा का क्लब करियर भी एक रोमांचक शुरुआत से कम नहीं था। 2020 में फियोरेंटीना से जुवेंटस में शामिल होने के बाद, उन्होंने तुरंत प्रभाव छोड़ा। जुवेंटस ने €60 मिलियन की बड़ी रकम में चिएसा को साइन किया था। पहली सीजन में ही उन्होंने अपने खेल से सभी को प्रभावित किया, और उम्मीदें की जा रही थीं कि वह टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित होंगे।
लेकिन, जैसा कि खेलों में अकसर होता है, चिएसा की सफलता की राह में बाधाएं भी आईं। लगातार चोटों ने उनके करियर को प्रभावित किया। चोटों के चलते उनका खेल का स्तर गिरता चला गया, और जुवेंटस में उनका स्थान खतरे में आ गया। उनके अनुबंध का अंतिम वर्ष भी नजदीक आ रहा था, और यह तय करना मुश्किल हो गया था कि टीम उनके भविष्य के बारे में क्या योजना बनाएगी।
जुवेंटस के नए कोच थियागो मोट्टा ने चिएसा को अपनी योजना का हिस्सा नहीं माना। इसके परिणामस्वरूप, क्लब ने उन्हें बेचने का निर्णय लिया। हालाँकि, उम्मीद से कम कीमत पर। जुवेंटस ने चिएसा के पिछले प्रदर्शन और चोटों को देखते हुए उन्हें €60 मिलियन के बजाय बहुत कम कीमत पर रिलीज किया।
जब यूरोप के महत्वपूर्ण क्लबों ने चिएसा में दिलचस्पी नहीं दिखाई, तो लिवरपूल का कदम सबको चौंका गया। लिवरपूल ने केवल £10 मिलियन में चिएसा को हासिल किया। इस कदम को कई लोगों ने अप्रत्याशित माना, लेकिन यह लिवरपूल के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है।
लिवरपूल के साथ चिएसा के सफर का आगाज एक नई शुरूआत हो सकता है। उनके पास साबित करने का एक अद्वितीय मौका है कि वह अभी भी एक महान खिलाड़ी हैं। संभावनाएं हैं कि लिवरपूल में वह एक बार फिर अपनी चमक बिखेरेंगे और अपने करियर को नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगे।
चिएसा के इस सफर को करीब से देखना दिलचस्प होगा। क्या वे लिवरपूल में मो. सलाह के बैकअप के रूप में अपनी काबिलियत साबित कर पाएंगे, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि उनके करियर का यह मोड़ फुटबॉल प्रेमियों के लिए एक रोमांचक कहानी प्रस्तुत करता है।
एक टिप्पणी लिखें