जब आप आईपीओ अलॉटमेंट, कंपनी की सार्वजनिक पेशकश में शेयरों के वितरण को कहा जाता है. Also known as IPO Allocation, it decides कौन‑से निवेशक को कितना शेयर मिलेगा.
यह प्रक्रिया सिर्फ एक कागज़ी काम नहीं है; यह सीधे शेयर बिडिंग, निवेशकों द्वारा शेयरों के लिए बोली लगाने की चरणबद्ध पद्धति से जुड़ी है। बिडिंग बंद होने के बाद, कंपनियां और एनीक्यूस बिड्स को वर्गीकृत करके अलॉटमेंट लागू करती हैं। यही कारण है कि कई बार लोगों को आश्चर्य होता है कि उन्होंने तय रकम के बावजूद शेयर नहीं पाए – क्योंकि अलॉटमेंट का नियम अलग हो सकता है।
आधारभूत नियम में दो प्रमुख भाग होते हैं: इम्प्लॉयी कोटा, कर्मचारियों को विशेष हिस्सेदारी आवंटित करने का प्रावधान और सब्सक्रिप्शन, कुल उपलब्ध शेयरों में से निवेशकों ने जितना खरीदने की इच्छा जताई। जब कुल सब्सक्रिप्शन उपलब्ध शेयरों से अधिक हो जाता है, तो नियामक और कंपनी दोनों कोटा के आधार पर अलॉटमेंट तय करती हैं। इसलिए निवेशक को पता होना चाहिए कि उनका कोटा कितना है – ये अक्सर प्री-IPO चरण में तय हो जाता है।
कोटा दो प्रकार के होते हैं: सामान्य जनता (Retail) कोटा और संस्थागत (Institutional) कोटा। संस्थागत निवेशक आमतौर पर बड़ी राशि बिड करते हैं, जिससे उन्हें प्राथमिकता मिल सकती है। लेकिन हाल के दिनों में कई कंपनियों ने रिटेल कोटा को बढ़ाया है, ताकि छोटे निवेशकों को भी भाग लेने का मौका मिले। इस बदलाव ने बाजार में अलॉटमेंट की पारदर्शिता को बढ़ाया है, लेकिन साथ ही बिडिंग के समय रणनीति बनाना ज़रूरी हो गया है।
बिडिंग के बाद मिलने वाला जनरेटेड अलॉटमेंट दो प्रमुख मीट्रिक से मापा जाता है: आवंटन प्रतिशत और ओवरसब्सक्राइब्ड रेशियो। अगर रेशियो 2X है, तो इसका मतलब है कि कुल बिड्स दो गुना अधिक थीं, और प्रत्येक बिडर को आधा शेयर मिल सकता है। कंपनियां अक्सर ओवरसब्सक्राइब्ड रेशियो को सार्वजनिक करती हैं, ताकि निवेशक समझ सकें कि उनका हिस्सा कितना हो सकता है।
इन सभी पहलुओं को समझकर आप अपनी बिडिंग रणनीति को बेहतर बना सकते हैं। नीचे दी गई लेख सूची में टाटा कैपिटल, मंगल इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्रीज और कई अन्य प्रमुख आईपीओ की अलॉटमेंट रिपोर्ट, बिडिंग ट्रेंड और कोटा डिस्ट्रिब्यूशन का विस्तृत विश्लेषण मिलेगा। पढ़ते रहिए और जानिए कि आपका अगला निवेश किस तरह से सफल हो सकता है।
मन्बा फाइनेंस आईपीओ का अलॉटमेंट आज अंतिम रूप लिया जाएगा। निवेशक बीएसई या रजिस्ट्रार की वेबसाइट लिंक इनटाइम इंडिया के माध्यम से अलॉटमेंट स्टेटस चेक कर सकते है। शेयरों की लिस्टिंग 30 सितंबर 2024 को हो सकती है। गैर-सूचीबद्ध बाजार में, शेयर 49% प्रीमियम पर ट्रेड हो रहे है। आईपीओ को निवेशकों का भारी समर्थन मिला, जिसकी सब्सक्रिप्शन 200 गुणा से अधिक रही।