जब हम अमेरिकी शेयर बाजार, संयुक्त राज्य अमेरिका के सार्वजनिक कंपनियों के स्टॉक्स का समुच्चय है, जो NYSE और NASDAQ जैसे एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं. Also known as U.S. Stock Market, यह निवेशकों के लिए मूल्य निर्धारण का प्रमुख संकेतक है और वैश्विक पूँजी प्रवाह को दिशा देता है। अमेरिकी शेयर बाजार को समझने के लिए इंडेक्स, मौद्रिक नीति और विदेशी मुद्रा की चाल को जोड़ना जरूरी है।
पहला महत्वपूर्ण इकाई है डॉलर, अमेरिकन करंसी जो अंतरराष्ट्रीय ट्रेड और निवेश में बेंचमार्क के तौर पर इस्तेमाल होती है. डॉलर की लॉयलिटी सीधे शेयरों की वैल्यू को प्रभावित करती है; जब डॉलर मजबूत होता है तो विदेशी निवेश कम आकर्षक लगते हैं, जिससे अमेरिकन इक्विटीज़ पर विक्रय दबाव बढ़ता है। दूसरा प्रमुख खिलाड़ी फेडरल रिज़र्व, अमेरिकी मौद्रिक नीति निर्माता, जो ब्याज दरें और क्वांटिटेटिव इज़िंग तय करता है. फेड के द्वारा दी गई दरें शेयर बाजार की तरलता को तय करती हैं—ब्याज घटाने से लिक्विडिटी बढ़ती है और स्टॉक में निवेश आकर्षक बनता है। तीसरा घटक डॉव जोन्स इंडस्ट्रीज़ एवरज, एक प्रमुख इंडेक्स जो 30 बड़ी अमेरिकी कंपनियों के प्रदर्शन को मापता है है, जो अक्सर मार्केट ट्रेंड का बेंचमार्क बनता है। अंत में ग्लोबल इक्विटीज़, दुनिया भर की सार्वजनिक कंपनियों के शेयर, जो अमेरिकी मार्केट के साथ सह-सम्बन्ध रखते हैं का उल्लेख करना ज़रूरी है; यूएस मार्केट की दिशा अक्सर वैश्विक पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग को उत्पन्न करती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं: "अमेरिकी शेयर बाजार” वित्तीय नीति, मुद्रा मूल्य, प्रमुख इंडेक्स और वैश्विक इक्विटीज़ से घनिष्ठ रूप से जुड़ा है।
इन सभी घटकों के बीच के संबंध समझने से आप दैनिक समाचारों में छुपे संकेत पकड़ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, जब फेडरल रिज़र्व आगामी मीटिंग में दर घटाने का वादा करता है, तो डॉलर थोड़ा नरम हो जाता है, डॉव जोन्स अक्सर तेज़ी दिखाता है, और विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ता है, जिससे ग्लोबल इक्विटीज़ में यूएस स्टॉक्स की मांग बढ़ती है। इसी तरह, यदि डॉलर अचानक मजबूत हो जाए, तो कई कंपनियों की निर्यात क्षमता कम हो सकती है, जिससे उनके स्टॉक्स में गिरावट आएगी – यही बात हम टाटा मोटर्स की डिमर्जर‑सम्बंधित खबरों में देख सकते हैं, जहाँ अमेरिकी बाजार का मूल्य‑निकाल शेयरों पर असर डालता है। नीचे आप विविध लेख पाएँगे जिसमें नवीनतम IPO, सेक्टर‑स्पेसिफिक विश्लेषण, और प्रमुख शेयरों की मूल्य‑भविष्यवाणी शामिल है; ये सभी आपके निवेश निर्णय को सूचित करने के लिए तैयार किए गए हैं।
अमेरिका में नई टैरिफ नीति की घोषणा के बाद वॉल स्ट्रीट में भारी भगदड़ मच गई। डॉव 1,650 अंकों से ज्यादा गिरा, जबकि S&P 500 और नैस्डैक ने पांच साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की। एप्पल, नाइकी, एनविडिया और एएमडी जैसे दिग्गज शेयरों में दो अंकों तक गिरावट आई। 67 देशों पर 10% से 41% तक नए टैरिफ लागू होंगे, कनाडा पर गैर-USMCA वस्तुओं पर 35%।
अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को गिरावट के साथ बंद हुए क्योंकि निवेशक एनवीडिया के तिमाही नतीजों का इंतजार कर रहे थे। यह रिपोर्ट टेक सेक्टर की सेहत पर महत्वपूर्ण प्रकाश डाल सकती है और बाजार की भावना को प्रभावित कर सकती है। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज और एसएंडपी 500 दोनों में गिरावट दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण एनवीडिया के परिणामों के लिए बाजार की सतर्कता थी।