जब हम आतंकवाद, रहस्यपूर्ण हिंसा जो सिविल जीवन को लक्षित करती है और डर फैला कर राजनीतिक या सामाजिक लक्ष्यों को हासिल करती है. Also known as दहशतगर्दी, it reshapes security policies worldwide. इस परिदृश्य में रक्षा, देश की सुरक्षा ढांचा, जिसमें सेना, पुलिस और खुफिया एजेंसियां शामिल हैं और सुरक्षा एजेंसियां, जैसे कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) या विदेश सुरक्षा सेवा, जो खुफिया, निगरानी और प्रत्युत्तर कार्य करती हैं प्रमुख हैं। साथ ही उग्रवाद, एक विचारधारा जो हिंसा को वैध मानती है और अक्सर आतंकवाद की जड़ बनती है और आंतरिक सुरक्षा, देश के भीतर सार्वजनिक स्थानों, बुनियादी ढांचे और जनसंख्या की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रणाली इन सभी का आपस में गहरा संबंध है।
आतंकवाद सिर्फ एक घटना नहीं, यह कई तत्वों का संयोजन है। पहला, आर्थिक प्रभाव—जब कोई बड़ा दहशत हमला होता है, शेयर बाजार में झटके लगते हैं, जैसे टाटा मोटर्स डिमर्जर की खबर पर निवेशकों का प्रतिक्रिया। दूसरा, राजनीति—दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सुरक्षा संदेशों ने मतदाता व्यवहार को प्रभावित किया। तीसरा, सामाजिक जीवन—भारी बारिश चेतावनी या मौसम में बदलाव भी सार्वजनिक इवेंट्स की सुरक्षा योजना में बदलाव लाते हैं। ये सब दिखाते हैं कि आतंकवाद के कारण विभिन्न सेक्टरों में सुरक्षा उपायों की जरूरत बढ़ जाती है।
इसलिए, प्रभावी रोकथाम के लिए तीन स्तंभ आवश्यक हैं: खुफिया (इंटेलिजेंस), प्रतिरोध (रेज़िलिएंस) और पुनर्वास (रीहैबिलिटेशन)। खुफिया एजेंसियां संभावित हमले की सूचना जुटाती हैं, जबकि प्रतिरोध कार्यक्रम सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाते हैं—जैसे कि स्कूलों में एंटी-टेरर ट्रेनिंग या खेल इवेंट्स में सुरक्षा जाँच। पुनर्वास का काम उन व्यक्तियों को समाज में फिर से जोड़ा जाता है जिन्होंने ग्रेनेड या हथियारों से जुड़ाव किया था, जिससे पुनरावृत्ति के चक्र को तोड़ा जा सके।
निचे आप को कई लेख मिलेंगे जो विभिन्न दृष्टिकोणों से आतंकवाद को देखाते हैं। कुछ लेख खेल आयोजन में सुरक्षा उपायों पर चर्चा करते हैं, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में भीड़ नियंत्रण। कुछ आर्थिक विश्लेषण दिखाते हैं कि आतंकवादी खतरे के कारण शेयर बाजार में अस्थायी गिरावट क्यों आती है, जैसे टाटा मोटर्स के डिमर्जर की स्थिति। कुछ राजनीति‑संबंधी लेख दर्शाते हैं कि चुनावी अभियान में सुरक्षा सिद्धांत कैसे वोटर इंगेजमेंट को बदलते हैं। ये विविधता यह बताती है कि आतंकवाद का प्रभाव कितनी व्यापक और जटिल है।
अब आप तैयार हैं—इन पहलों, आंकड़ों और केस स्टडीज़ को देख कर आप समझ पाएंगे कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किस प्रकार की रणनीति अपनाई जाती है और दैनिक समाचार कैसे इस बड़े मुद्दे को प्रतिबिंबित करते हैं। नीचे की सूची में आपको उन सभी समाचार लेखों का संग्रह मिलेगा जो इस जटिल परिदृश्य को विभिन्न कोणों से उजागर करते हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के छिंगदाओ में आयोजित एससीओ सम्मेलन में आतंकवाद पर सख्त संदेश दिया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हुए पर्यटकों पर हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित समूहों को जिम्मेदार ठहराया और एससीओ देशों से मिलकर आतंक के ठिकानों पर कार्रवाई का आग्रह किया। बैठक में आधुनिक खतरों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।