जब आप आयुर्वेदिक कॉलेज भर्ती, भारत में आयुर्वेदिक शिक्षा संस्थानों में प्रवेश और नियुक्ति प्रक्रिया को कहा जाता है को समझते हैं, तो कई जुड़े हुए अवधारणाओं को भी देखना ज़रूरी है। उदाहरण के लिए आयुर्वेदिक डिग्री, बी.ए.एस., एम.डी. (आयुर्वेद) आदि कोर्सें जो सरकारी या निजी कॉलेज में उपलब्ध होती हैं सीधे इस भर्ती से जुड़ी होती हैं। इसी तरह NEET PG परीक्षा, पोस्ट‑ग्रेजुएट मेडिकल एंट्री के लिए राष्ट्रीय स्तर की टेस्ट, जो कई आयुर्वेदिक पोस्ट ग्रेजुएट सीटों के लिए अनिवार्य है भी इस प्रक्रिया को निर्धारित करती है। भारतीय आयुर्वेद शोध परिषद (IAS), सरकारी निकाय जो आयुर्वेदिक पाठ्यक्रम, मानक और शोध को नियंत्रित करता है इन सभी तत्वों को नियमन में लाता है, जबकि सरकारी वैद्य भर्ती, राज्य या केंद्र सरकार द्वारा जारी आयुर्वेदिक डॉक्टर पदों के लिए प्रतियोगी चयन का परिणाम सीधे कॉलेज भर्ती की आवश्यकता को बढ़ाता है। यदि आप आयुर्वेदिक कॉलेज भर्ती की नवीनतम जानकारी खोज रहे हैं, तो आगे पढ़ें—यहाँ हम इस सिस्टम की प्रमुख कड़ीयों को सरल शब्दों में समझाएंगे।
आयुर्वेदिक कॉलेज भर्ती में पहला कदम है शिक्षा योग्यता। मूलभूत रूप से 12वीं कक्षा में जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और अंग्रेज़ी के साथ न्यूनतम 50% अंक चाहिए, जिसके बाद बी.ए.एस. (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक साइंसेज) करना आवश्यक है। कई राज्य में BEAMS या AIAP के द्वारा मान्यता प्राप्त कॉलेजों से डिग्री लेनी अनिवार्य है; यह आयुर्वेदिक डिग्री ही भर्ती की न्यूनतम शर्त बनती है। आगे का चरण NENE (NEET) या राज्य‑स्तर की परीक्षा जैसे NEET PG में उत्तीर्ण होना है, जिससे पोस्ट‑ग्रेजुएट, सिविल सेवा या अनुसंधान पदों के लिए प्रवेश मिल सकता है। एक बार अर्हता मिल जाने पर, उम्मीदवारों को ऑनलाइन आवेदन पोर्टल में अपना प्रोफाइल बनाना पड़ता है। यहाँ से उनकी शैक्षणिक दस्तावेज़, अस्तित्व प्रमाणपत्र और पीएचडी/एमडी‑डॉक्टरेट (यदि हो) अपलोड करना आवश्यक है। कई बार इस चरण में IAS द्वारा जारी नॉन‑कोरल वैधता या इंटर्नशिप प्रमाणपत्र की भी माँग की जाती है। आवेदन जमा करने के बाद, एक लिखित परीक्षा और साक्षात्कार होता है—कई संस्थानों में लिखित परीक्षा को प्रायोगिक ज्ञान, प्रैक्टिकल केस स्टडी और आयुर्वेदिक सिद्धांतों पर आधारित रखा जाता है। यह प्रक्रिया दर्शाती है कि आयुर्वेदिक कॉलेज भर्ती केवल शैक्षणिक योग्यता नहीं, बल्कि परीक्षा‑आधारित मूल्यांकन, नियामक निकाय की मान्यता और सरकारी भर्ती की मांग को भी समाहित करती है।
एक बार चयन हो जाने पर, नयी नियुक्तियों के लिए कई चरण होते हैं। पहले चरण में कैंपस काउंसलिंग सत्र आयोजित किया जाता है, जहाँ उपलब्ध सीटें, कोर्स विशेषता और भर्ती की शर्तें स्पष्ट की जाती हैं। दूसरे चरण में अनिवार्य प्रैक्टिकल प्रशिक्षण (इंटर्नशिप) की व्यवस्था होती है, जो अक्सर कॉलेज के जुड़े अस्पताल या असली क्लिनिक में की जाती है। इस दौरान छात्रों को रोगी देखभाल, दवा निर्माण और आयुर्वेदिक पद्धतियों के प्रयोग का वास्तविक अनुभव मिलता है। इंटर्नशिप समाप्त होने पर, अंतिम एग्जाम या प्रशंसा पत्र जारी किया जाता है, जिससे वे आधिकारिक रूप से सरकारी वैद्य भर्ती के लिए पात्र हो जाते हैं। कई बार इस चरण के बाद राज्य या केंद्र सरकार द्वारा अतिरिक्त प्रमाणपत्र जैसे “जूनियर आयुर्वेदिक चिकित्सक” या “सुपरवाइज़र” की आवश्यकता होती है, जिससे रोजगार की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। इस पूरी यात्रा में, भारतीय आयुर्वेद शोध परिषद द्वारा जारी दिशानिर्देश और मानक हमेशा अपडेट रहते हैं, इसलिए उम्मीदवारों को नियमित रूप से उनके प्रकाशन और नोटिफिकेशन को फॉलो करना चाहिए।
उपर्युक्त जानकारी को समझकर आप अपनी तैयारी को सही दिशा में ले जा सकते हैं। नीचे दी गई सूची में हम आयुर्वेदिक कॉलेज भर्ती से जुड़े नवीनतम समाचार, परीक्षा पैटर्न, प्रमुख संस्थान और नौकरी के अवसरों पर विस्तृत लेखों को एकत्रित कर रहे हैं। चाहे आप अभी शुरुआती हों या पहले ही अपने डिग्री को पूरा कर चुके हों, इस संग्रह में आपको अपनी अगली कदम की स्पष्ट राह मिलेगी। अब आगे बढ़िए और देखें कौन‑से अपडेट आपके करियर को नई दिशा दे सकते हैं।
BPSC ने 2025 में दो बड़ी Assistant Professor भर्तियाँ निकाली हैं—आयुर्वेदिक कॉलेजों में 88 पद व मेडिकल कॉलेजों के 25 विभागों में 1,711 पद। स्नातकोत्तर डिग्री और शिक्षण अनुभव जरूरी है। बिना लिखित परीक्षा के सिर्फ योग्यता के आधार पर चयन होगा।