जब हम कांग्रेस, 1885 में स्थापित एक प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी है, जिसका उद्देश्य लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाना है. Also known as राष्ट्रीय कांग्रेस, it has shaped many historic moments in India.
कांग्रेस की ताकत विधानसभा चुनाव, राज्य स्तर पर सत्ता का निर्धारण करने वाली प्रमुख लोकतांत्रिक प्रक्रिया में दिखती है। 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कोई सीट नहीं जीत पाई, लेकिन यह परिणाम बताता है कि कैसे राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर रणनीति, उम्मीदवार चयन और गठबंधन के फैसले परिणाम को प्रभावित करते हैं। इसीलिए, चुनाव परिणामों को समझने के लिए हमें केवल वोटों की संख्या नहीं, बल्कि नीति, जिनके जरिए पार्टी सार्वजनिक समस्याओं का समाधान पेश करती है को भी देखना चाहिए।
केंद्रीय और राज्य स्तर पर कांग्रेस की परिभाषा अक्सर राजनीतिक गठबंधन, विभिन्न दलों के साथ मिलकर बहुमत बनाना और सरकार स्थापित करना के इर्द‑गिर्द घूमती है। उदाहरण के तौर पर, 2025 में कई राज्य में कांग्रेस ने स्थानीय गठबंधन बनाने की कोशिश की, जबकि भाजपा ने अपनी अलग रणनीति अपनाई। इस प्रतिस्पर्धा ने नीति‑निर्माण में विविधता लाई और मतदाताओं को कई विकल्प प्रदान किए।
कांग्रेस की भूमिका सिर्फ चुनाव तक सीमित नहीं है; यह सामाजिक आंदोलनों, आर्थिक सुधारों और विदेशी नीति में भी योगदान देती है। जब पार्टी संसद में या बिलों पर चर्चा करती है, तो उसका प्रभाव शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों में महसूस होता है। इसलिए, हर नई नीति या बिल को देखकर हमें यह देखना चाहिए कि कांग्रेस ने किस तरह का दृष्टिकोण अपनाया और क्या वह जनता की जरूरतों से मेल खाता है।
अब आप नीचे मौजूद लेखों में कांग्रेस के विभिन्न आयामों—इतिहास, वर्तमान चुनौतियां, चुनावी रणनीतियां और भविष्य की संभावनाएं—का गहरा विश्लेषण पाएँगे। चाहे आप पार्टी के इतिहास में रुचि रखते हों या अगली विधानसभा में संभावित बदलावों को समझना चाहते हों, यह संग्रह आपके लिए एक उपयोगी गाइड बन सकता है।
कांग्रेस के प्रवक्ता जयराम रमेश ने स्पष्ट किया कि लोकसभा सांसद चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा जेल में बंद सांसद अमृतपाल सिंह पर व्यक्त विचार कांग्रेस के आधिकारिक रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। यह स्पष्टीकरण चन्नी के पर टिप्पणी से उत्पन्न विवाद के बाद आया है, जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार के तहत 'अघोषित आपातकाल' का आरोप लगाया था।
केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि साम पित्रोदा की भारतीय प्रवासी कांग्रेस के चेयरमैन के रूप में पुनः नियुक्ति कांग्रेस की विवादास्पद रणनीतियों को दर्शाती है। रिजिजू का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही ऐसी राजनीति की भविष्यवाणी की थी।