जब बात खालिस्तान, एक अलगाववादी आंदोलन है जो 1980 के दशक में सिख समुदाय के कुछ भागों में उभरा और आज भी राजनैतिक और सुरक्षा पर बहसों का विषय है. Also known as Khalistan, it भारत में राष्ट्रीय एकता और सामाजिक स्थिरता को प्रभावित करने वाले मुद्दों में से एक है. इस संदर्भ में खालिस्तान को समझना आसान नहीं, इसलिए आगे हम कुछ जुड़े प्रमुख विषयों पर नज़र डालेंगे।
पहला जुड़ा एंटिटी है सिख आंदोलन, जो धार्मिक पहचान और राजनीतिक अधिकारों के लिए संघर्ष करता है. यह आंदोलन सीधे खालिस्तान के विचारधारा को जन्म देता है और अक्सर राष्ट्रीय सुरक्षा ( राष्ट्रीय सुरक्षा, देश की संप्रभुता और जनसुरक्षा को रोकने‑रोकने वाले उपायों का समुच्चय को चुनौती देता है। दूसरी ओर, भारत की सैन्य सेवा, कानून व्यवस्था और सीमा सुरक्षा में मुख्य भूमिका निभाती है इस चुनौती को स्वीकारे बिना नहीं रह सकती। खाली जगह में, रोजगार ( रोजगार नीति, सरकार द्वारा निर्मित नौकरी अवसर और कौशल प्रशिक्षण योजनाएँ) भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब युवाओं को सच्ची नौकरी मिलती है, तो वे निराशा से जुड़ी ध्रुवीकरण से दूर रह पाते हैं, जिससे खालिस्तान जैसे अलगाववादी विचारों का आकर्षण घटता है। इसी तरह, आर्थिक विकास (जैसे RRB NTPC जैसी सरकारी भर्ती) और खेल (क्रिकेट, टेनिस) जैसी राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने वाली गतिविधियाँ सामाजिक बंधनों को मजबूत करती हैं। इन सबका मतलब यह है कि खालिस्तान के प्रश्न को केवल ऐतिहासिक या धार्मिक लेंस से नहीं, बल्कि सुरक्षा, रोजगार और राष्ट्रीय विकास के व्यापक फ्रेमवर्क से देखना ज़रूरी है। अगर सरकार नयी नौकरियों (जैसे RRB NTPC भर्ती) और खेल मंचों (जैसे महिला क्रिकेट, टेनिस) को सुदृढ़ बनाती रहे, तो सामाजिक समावेशी माहौल तैयार हो सकेगा और अलगाववादी प्रवृत्तियों को घुटला जा सकेगा। अंत में, जब आप नीचे की सूची में विभिन्न लेखों को पढ़ेंगे, तो आप देखेंगे कि कैसे राष्ट्रीय भर्ती, खेल, आर्थिक आँकड़े और सुरक्षा उपाय सब मिलकर खालिस्तान जैसे जटिल मुद्दे को प्रभावित करते हैं। इन पहलुओं की बारीकी को समझकर आप एक व्यापक दृष्टिकोण बना पाएँगे।
गुरपतवंत सिंह पन्नू, जिन्होंने प्रतिबंधित संगठन 'सिख्स फॉर जस्टिस' (SFJ) की नींव रखी, अमेरिका में खुलेआम भारत विरोधी गतिविधियां चला रहे हैं। पाकिस्तान की मदद से उनका संगठन खालिस्तानी और कश्मीरी अलगाववाद को बढ़ावा देता है। उनके संगठन के निर्माण में पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद सलमान युनूस का महत्वपूर्ण योगदान पता चला है। पश्चिमी देश इन गतिविधियों को रोकने में असफल हैं।