जब हम निधन, वक्तव्य के अनुसार यह जीवन का वह चरण है जहाँ शरीर इस दुनिया से विदा हो जाता है और विभिन्न सामाजिक, कानूनी व धर्मिक प्रक्रियाएँ शुरू होती हैं. Also known as मृत्यु, it marks the point where families, communities, and authorities coordinate to honor the departed.
इन प्रक्रियाओं की बुनियाद अंतिम संस्कार, एक संगठित अनुष्ठान है जिसमें धार्मिक अनुष्ठान, प्रार्थनाएँ और शरीर को अंतिम विदा दिया जाता है है। अक्सर शवयात्रा, वह रास्ता है जो शव को कब्र या जलाशय तक ले जाता है, तथा इस दौरान विभिन्न रीति‑रिवाज़ निभाए जाते हैं के साथ जुड़ी होती है। जब परिवार को यह निर्णय लेना पड़ता है कि शव को कहाँ रखा जाए, तो शवयात्रा के नियम‑कानून, धार्मिक मान्यताएँ और स्थानीय नियम सभी एक साथ काम करते हैं। एक और महत्वपूर्ण कदम वसीयत, एक लिखित दस्तावेज़ है जिसमें मृतक की संपत्ति, ऋण और वारिसों के बीच वितरण का स्पष्ट निर्देश दिया जाता है तैयार करना है, जिससे भविष्य में विवाद कम हो सके। इन तीनों घटकों – अंतिम संस्कार, शवयात्रा और वसीयत – के बीच आपसी संबंध यह सुनिश्चित करता है कि निधन प्रक्रिया निरंतर और सम्मानजनक ढंग से पूरी हो सके।
आज के डिजिटल युग में, निधन से जुड़ी खबरें सिर्फ स्थानीय समाचार तक सीमित नहीं रह गईं। हमें हर दिन विभिन्न क्षेत्रों से अपडेट मिलते हैं – चाहे वह खेल जगत की क्विच्चर और अचानक हुई मौतों हों, या व्यापार में बड़े कंपनियों के प्रमुख अधिकारियों के निधन के बारे में हो। इस टैग पेज पर आप पाएँगे कि कैसे विभिन्न व्यक्तियों की मृत्यु ने सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य को प्रभावित किया है। उदाहरण के तौर पर, टाटा मोटर्स के डिमर्जर से जुड़े शेयर गिरावट और उसके बाद के प्रबंधन में बदलाव से जुड़े आर्थिक असर को समझना, या क्रिकेट के मैदान में खिलाड़ियों की अचानक मृत्यु की खबरें कैसे प्रशंसकों और खेल प्रबंधन को प्रभावित करती हैं, इन सबको हम यहाँ संकलित करते हैं। नीचे की सूची में आपको विभिन्न क्षेत्रों के नवीनतम निधन‑संबंधी लेख मिलेंगे, जो न केवल सूचना देते हैं बल्कि इस कठिन समय में सही कदम उठाने के लिए व्यावहारिक सुझाव भी प्रदान करते हैं। इन लेखों को पढ़कर आप अपने या अपने परिवार की भविष्य की योजना बना सकते हैं, कानूनी आवश्यकताओं को समझ सकते हैं, और सामाजिक तौर‑तरीकों से जुड़ी संवेदनशीलता को भी अपनाएँ।
ओडिशा के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री समीर डे का 67 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। समीर डे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, और किडनी ट्रांसप्लांट के बाद निमोनिया और लिवर संक्रमण से पीड़ित थे। उन्होंने ओडिशा विधानसभा में तीन बार लगातार चुनाव जीते थे, और उनकी रणनीतिक सूझबूझ ने बीजेपी को राज्य में मजबूत बना दिया।
पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। राजनीति और कूटनीति में विशिष्ट योगदान देने वाले नटवर सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य रहे और कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत थे। उनके निधन पर देशभर के राजनीतिक नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई है।