When working with रोजगार संकट, एक सामाजिक‑आर्थिक समस्या है जहाँ रोजगार के अवसर घटते हैं, युवा बेरोजगार होते हैं और स्थिर आय की कमी महसूस होती है. Also known as नौकरी बाजार की कमी, it आर्थिक मंदी, उद्योग छँटनी और कौशल असंगतियों से गहरा जुड़ा है. इस परिदृश्य में सरकारी नौकरी, स्थिर वेतन और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने वाली सार्वजनिक‑सेक्टर की नौकरियां अक्सर एक सुरक्षित विकल्प मानी जाती हैं, लेकिन नौकरी परीक्षा, परीक्षा‑आधारित चयन प्रक्रिया जो सरकारी पदों के लिए आवश्यक है की कठिनाई कारणों में से एक है। साथ ही, कौशल प्रशिक्षण, नवीनतम उद्योग जरूरतों के अनुरूप निपुणता विकसित करने वाला कार्यक्रम नहीं मिल पाना आज के युवाओं को असहाय बनाता है। इन तीनों तत्वों के बीच का कनेक्शन स्पष्ट है: रोजगार संकट सरकारी नौकरी की बढ़ती मांग, नौकरी परीक्षा की कड़ी प्रतिस्पर्धा, और कौशल प्रशिक्षण की कमी।
पहला कारण है आर्थिक मंदी जो कंपनियों को विस्तार रोकने या कर्मचारियों को छंटनी करने पर मजबूर करती है। जब बड़े उद्योग बंद होते हैं, तो निजी क्षेत्र में नौकरियों की धारा घटती है और युवा श्रमिक सरकारी नौकरियों की ओर रुख करते हैं। दूसरा कारण है कौशल असंगति—शिक्षा प्रणाली अक्सर तेज़ी से बदलते तकनीकी माहौल से पिछड़ जाती है। इस कारण वही स्नातक डिग्री भी आज के डेटा एनालिटिक्स या एआई आधारित काम के लिए पर्याप्त नहीं रहती। तीसरा, नियोजन प्रक्रियाओं में देरी—सरकारी भर्ती बोर्डों की धीमी प्रक्रिया और अनियमित साक्षात्कार कई बार योग्य उम्मीदवारों को अवसर से वंचित कर देती है। इन समस्याओं के साथ ही, विभिन्न राज्य स्तर पर प्रकाशित भर्तियों (जैसे UPSSSC वन रक्षक, IBPS PO, बिहार पुलिस कांस्टेबल) की संख्या बहुत अधिक है, लेकिन वास्तविक चयन दर बहुत कम रह जाती है, जिससे उम्मीदवारों में निराशा बढ़ती है।
समाधान की दिशा में चल रही पहलों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम, उद्यमिता को बढ़ावा देने, नई नौकरियों का सृजन करने और नवाचार को प्रोत्साहित करने वाला माहौल सरकारी नीतियों में प्रमुख बन रहा है। कई राज्य सरकारें युवा उद्यमियों को फंडिंग, मेंटरिंग और इन्क्यूबेशन सेंटर प्रदान कर रही हैं, जिससे नौकरी के बजाय नौकरी‑निर्माण पर ज़ोर दिया जा रहा है। इसके अलावा, केंद्र ने कौशल विकास मिशन के तहत कई नई ट्रेनिंग कोर्स लॉन्च किए हैं, जिनमें डिजिटल लिटरेसी, क्लाउड कंप्यूटिंग और हरित तकनीकें शामिल हैं। इन पहलों से न केवल बेरोजगारी घटेगी, बल्कि कार्यबल की उत्पादकता भी बढ़ेगी। अंत में, सार्वजनिक‑निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत रोजगार‑सुरक्षित परियोजनाओं, जैसे कृषि‑अधारित बुनियादी ढांचा, सड़कों का पुनर्निर्माण, और स्वच्छ ऊर्जा प्लांट्स, को तेज़ी से चलाया जा रहा है, जिससे विभिन्न वर्गों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
नीचे आप देखेंगे कि कैसे पिछले महीने की प्रमुख खबरें, जैसे टाटा मोटर्स डिमर्जर, IBPS PO परिणाम, और विभिन्न राज्य स्तर की सरकारी परीक्षाओं की अपडेट, इस बड़े चित्र में फिट होती हैं। इन लेखों को पढ़कर आप स्वयं अपनी दिशा तय कर सकते हैं—चाहे आप सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहे हों, कौशल प्रशिक्षण लेना चाहते हों, या स्टार्ट‑अप के माध्यम से अपना रोजगार सृजन करना चाहते हों। अब आगे के लेखों में इन विभिन्न आयामों पर गहराई से नज़र डालते हैं।
31 अगस्त 2025 को शुरू हुए साइबरअटैक ने Jaguar Land Rover की वैश्विक उत्पादन और रिटेल को पूरी तरह ठप्प कर दिया। कंपनी ने 1 सितंबर को उत्पादन रोककर 1 अक्टूबर तक बढ़ा दिया, जिससे हर हफ्ते £50 मिलियन का नुकसान हो रहा है। सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है, जबकि सप्लाई चेन में हजारों का छंटनी का जोखिम है। ब्रिटेन और यूएस की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है।