When working with योग, एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करता है. Also known as हठ योग, it blends शारीरिक गति, श्वास नियंत्रण और मानसिक ध्यान को एक साथ लाता है। योग को नियमित रूप से करने से ऊर्जा में सुधार, लचीलापन और तनाव में कमी मिलती है, और यह सभी आयु वर्ग के लिए उपयुक्त है।
योग का मूल भाग आसन, शारीरिक मुद्राएँ जो शक्ति, लचीलापन और संतुलन विकसित करती हैं है। प्रत्येक आसन शरीर के अलग‑अलग हिस्सों को सक्रिय करता है और रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है। जैसे सूर्य नमस्कार पूरे शरीर को गर्म करता है, वहीं वृक्षासन संतुलन को सुदृढ़ करता है। आसनों के नियमित अभ्यास से मांसपेशियों की टोनिंग और रीढ़ की सुरक्षा बढ़ती है।
आसन के साथ प्राणायाम, श्वास नियंत्रण की तकनीक जो फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाती है जुड़ी होती है। प्राणायाम न केवल ऑक्सीजन आपूर्ति को सुधारता है, बल्कि नर्वस सिस्टम को शांत करता है। अनुलोम-विलोम, भ्रामरी या kapalabhati जैसी तकनीकें तनाव हार्मोन को घटाते हुए ऊर्जा स्तर को स्थिर करती हैं। जब आप श्वास को नियंत्रित करते हैं, तो मन की धड़कन धीमी हो जाती है और ध्यान केंद्रित रहना आसान हो जाता है।
शारीरिक और श्वास अभ्यास के बाद ध्यान, मस्तिष्क को एकाग्रित करने की विधि जो आत्मनिरीक्षण और मन की शांति प्रदान करती है आती है। ध्यान योग को गहराई देता है क्योंकि यह मन को विचारों के जाल से मुक्त कर आत्मसंतुलन की ओर ले जाता है। सरल सांस‑पर‑ध्यान, विपश्यना या मंत्र‑जप जैसी विधियाँ शुरुआती लोगों के लिए भी प्रभावी हैं। नियमित ध्यान से स्मृति, एकाग्रता और भावनात्मक स्थिरता में उल्लेखनीय सुधार देखे गए हैं।
इन तीन स्तंभों – आसन, प्राणायाम और ध्यान – के सामंजस्य से योग शरीर को लचीला, मन को शांत और आत्मा को जागरूक बनाता है। वैज्ञानिक अध्ययनों ने दिखाया है कि योग शरीर में कोलेस्टेरॉल को घटाता है, रक्तचाप को स्थिर रखता है, और नींद की गुणवत्ता को सुधारता है। साथ ही, तनाव‑ग्रस्त कर्मचारी योग से काम की उत्पादकता बढ़ा सकते हैं, क्योंकि यह कोर्टिसोल स्तर को कम करता है।
यदि आप अभी शुरू कर रहे हैं, तो दिन में 10‑15 मिनट से शुरू करें। सबसे पहले एक आसान आसन जैसे ताड़ासन या बालासन अपनाएँ, फिर 3‑5 मिनट का प्राणायाम करें, और अंत में 5‑10 मिनट का साधारण ध्यान समाप्त करें। लगातार अभ्यास करने से शरीर की गतिशीलता बढ़ेगी, मन की शोर घटेगी और ऊर्जा स्तर में स्थायी सुधार महसूस होगा।
योग कई रूपों में उपलब्ध है – हठ योग में शारीरिक मुद्रा प्रमुख है, राज योग में मन‑शरीर का आध्यात्मिक एकीकरण है, और आयुर्वेदिक योग में व्यक्तिगत स्वास्थ्य प्रोफ़ाइल के अनुसार अभ्यास को अनुकूलित किया जाता है। आप अपने फिटनेस लक्ष्य, समय‑सारिणी और पसंद के अनुसार किसी भी शैली को चुन सकते हैं।
आजकल ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म, मोबाइल ऐप्स और स्थानीय स्टूडियो योग सीखने के आसान साधन प्रदान कर रहे हैं। समूह कक्षाओं में समान विचारधारा वाले लोग मिलते हैं, जिससे सामाजिक समर्थन मिलता है। चाहे आपको वजन घटाना हो, पीठ दर्द से राहत चाहिए, या सिर्फ तनाव‑मुक्त जीवन चाहिए, योग एक व्यावहारिक समाधान देता है।
व्यापार जगत भी योग को अपनी वेलनेस रणनीति में सम्मिलित कर रहा है। कई कंपनियों ने कर्मचारियों के लिए हफ्ते में दो‑तीन सत्र तय किए हैं, जिससे कार्यस्थल का माहौल बेहतर होता है और रोग‑छुट्टी कम होती है। यह प्रवाह दर्शाता है कि योग केवल व्यक्तिगत अभ्यास नहीं, बल्कि सामुदायिक और संस्थागत लाभ भी देता है।
नीचे आप विभिन्न क्षेत्रों में योग से जुड़ी नवीनतम खबरें, गाइड, विशेषज्ञ राय और उपयोगी टिप्स पाएंगे। चाहे आप नौसिखिया हों या अनुभवी, इस संग्रह में आपको अपने अभ्यास को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक जानकारी मिलनी चाहिए। पढ़ते रहिए और अपना योग सफर शुरू करने के लिए प्रेरित हों।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा योग के प्रति दिखाई गई उत्साह की सराहना की। उन्होंने आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान इसकी प्रशंसा की। मोदी जी ने योग के महत्व पर जोर दिया और इसके कारण के रूप में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के सुधार का उल्लेख किया।