नैनो बनाना 3D फ़िगरीन ट्रेंड ने इंस्टाग्राम और X पर जितनी तेजी से जगह बनाई, उतनी ही तेजी से अब एक नया क्रेज दिख रहा है—90s रेट्रो पोर्ट्रेट। वही पुराना, गर्माहट भरा रंग, हल्का ग्रेन, गोल्डन आवर की रोशनी, और 90 के दशक की फिल्मों जैसा मूड। लोग अपनी सामान्य तस्वीरों को इस स्टाइल में बदलकर ऐसे पोर्ट्रेट बना रहे हैं जो सीधे क्लासिक सिनेमा के पोस्टर जैसे लगते हैं।
फर्क क्या है? नैनो बनाना में फोटो को खिलौना-स्टाइल 3D फ़िगरीन में बदला जा रहा था—एक्रिलिक बेस, पैकेजिंग, मिनिएचर सेटअप। नए ट्रेंड में फोकस चेहरों, कपड़ों, कलर-ग्रेडिंग और लाइट पर है। मतलब, आप वही हैं—बस कहानी 1990 के दशक की लगती है।
Google Gemini के जरिए यह काम प्रॉम्प्ट्स से हो रहा है। यूज़र रिफ़रेंस फोटो अपलोड करते हैं और एक डिटेल्ड प्रॉम्प्ट लिखते हैं—किस किस्म का ग्रेन चाहिए, कौन-सा लाइट मूड, कपड़ों की स्टाइल, बैकग्राउंड, यहां तक कि कैमरा-लेंस का इफेक्ट भी। कुछ सेकंड में आउटपुट आता है, और उसी को एडिट करके आप एकदम सिनेमैटिक पोस्ट तैयार कर सकते हैं।
महिलाओं के लिए सबसे पॉपुलर सेटअप—साड़ी, बालों में गजरा, पुराने लकड़ी के दरवाज़े या टेक्स्चर्ड दीवार, और रोशनी ऐसी कि चेहरे पर मुलायम शैडो बने। पुरुषों में—रेट्रो कुर्ता या डार्क शर्ट के साथ लाइट ट्राउज़र, ब्राउन सनग्लासेज़, घड़ी या ब्रेसलेट, और थोड़ा सा मूडी एक्सप्रेशन। बैकग्राउंड आम तौर पर मिनिमल रखा जाता है ताकि फोकस चेहरे पर रहे।
सफल आउटपुट की कुंजी है—प्रॉम्प्ट में डिटेल। टेक्सचर (grainy but bright), कलर पैलेट (warm vintage tones), लाइटिंग (dramatic contrast, golden hour), कपड़े (90s-फिल्म जैसा), बैकग्राउंड (पुराने दरवाज़े, गलियारे, स्टूडियो ड्रेप्स), और एटमॉस्फियर (रोमांटिक, विंडी, मिस्ट्री)। जितना साफ लिखेंगे, उतना बेहतर रिज़ल्ट।
नीचे मोबाइल ऐप या वेब, दोनों के लिए सेटअप समझें। समय लगेगा 5–10 मिनट, पर आउटपुट पहली कोशिश में ही पोस्ट-लायक मिल सकता है।
ऐप/वेब खोलें और लॉग-इन करें: Google Gemini में साइन-इन करें। इमेज जेनरेशन/क्रिएट मोड चुनें।
रिफ़रेंस फोटो चुनें: फ्रंट-फेसिंग, साफ़ रोशनी में ली गई 8–12MP फोटो बेहतर रहती है। चेहरा शार्प हो, बैकग्राउंड सिंपल—दीवार, परदा, या आउटडोर में फ्लैट बैकड्रॉप।
प्रॉम्प्ट लिखें—डिटेल में: नीचे दिए ब्लॉक्स की भाषा अपनाएं। टेक्सचर, टोन, लाइट, कपड़े, बैकग्राउंड, मूड, फ्रेमिंग—सब जोड़ें।
जेनरेट करें और रिव्यू करें: पहला आउटपुट देखें। चेहरे में बदलाव लगे तो “preserve facial features”, “same person” जैसे वाक्य जोड़कर दोबारा चलाएं।
फाइन-ट्यून करें: टोन बहुत तेज है? “slightly desaturated” लिखें। स्किन प्लास्टिक लग रही है? “natural skin texture, visible pores” जोड़ें।
हाई-रेज़ोल्यूशन सेव: शेयर करने से पहले क्रॉप, नॉइस, और विन्येट चेक करें। ओवर-शार्पनिंग से बचें।
प्रॉम्प्ट में क्या जोड़ें (चीट-शीट):
टेक्सचर: “grainy but bright, subtle film grain”
कलर: “warm vintage tones, golden hour glow, soft amber highlights”
लाइटिंग: “dramatic side lighting, soft shadows, cinematic contrast”
कपड़े/स्टाइल: “90s cinema styling, traditional saree/retro kurta, minimal accessories”
बैकग्राउंड: “old wooden door, textured wall, studio drape, narrow alley”
फ्रेमिंग: “50mm look, shallow depth of field, half-length portrait”
एटमॉस्फियर: “romantic breeze, moody, nostalgic, slightly dusty air”
नेगेटिव कंडीशन: “no modern logos, no neon colors, no plastic skin, no over-saturation”
महिलाओं के लिए उदाहरण प्रॉम्प्ट:
“Create a 90s retro-style portrait of the same person, preserve facial features. Elegant silk saree, jasmine flowers in hair, soft breeze. Warm vintage tones, golden hour glow, grainy but bright. Dramatic side lighting, soft shadows on an old wooden door background. Minimal jewelry, natural skin texture, silky hair, romantic mood. 50mm look, shallow depth of field. No modern logos, no plastic skin.”
पुरुषों के लिए उदाहरण प्रॉम्प्ट:
“90s cinema-inspired portrait of the same person, keep likeness. Dark shirt with light trousers/retro kurta, vintage sunglasses, watch. Warm amber tones, subtle film grain, moody expression. Cinematic lighting with strong contrast, textured wall in background. Slightly desaturated colors, sharp eyes, natural skin texture. Half-length frame, shallow depth. Avoid neon colors and modern gadgets.”
कपल/डुओ शॉट के लिए:
“1990s romantic film poster look, preserve both faces. Woman in pastel saree with gajra; man in retro kurta. Golden hour backlight, soft rim light, warm vintage palette, gentle film grain. Old cinema foyer background, subtle haze. Natural skin texture, no plastic look, no modern signage.”
ट्रबलशूटिंग—आम दिक्कतें और फिक्स:
चेहरा बदला-बदला लगे: “preserve facial features, same person” जोड़ें। रिफ़रेंस फोटो ज्यादा शार्प और सीधी रोशनी में रखें।
टोन बहुत पीला/ऑरेंज हो: “balanced warm tones, slightly desaturated” लिखें।
स्किन प्लास्टिक/स्मूद दिखे: “natural skin texture, fine detail, no beauty filter” जोड़ें।
इमेज सॉफ्ट/ब्लरी हो: “tack sharp eyes, crisp details, shallow depth only on background” लिखें।
बैकग्राउंड मॉडर्न दिखे: “no modern elements, no LED signs, no contemporary furniture” जोड़ें।
फोटोग्राफी की समझ से आउटपुट और निखरेगा: अगर आप कैमरा-लुक बताएं तो इमेज अधिक विश्वसनीय लगती है। जैसे—“soft key from camera left, gentle fill from right, subtle back rim,” या “window light, falloff on background,” या “film-like dynamic range, muted highlights.”
सेटअप/कपड़ों के आइडिया:
कॉटन या सिल्क साड़ी, मैट बिंदी, ऑक्सीडाइज़्ड ज्वेलरी, और फीके रंग—पीच, मस्टर्ड, ऑलिव।
पुरुषों के लिए earthy टोन—ब्राउन, बेज, चारकोल; लेदर स्ट्रैप वॉच; ब्राउन शेड्स।
बैकग्राउंड में पुराने दरवाज़े, जालीदार खिड़की, किताबों की अलमारी, या स्टूडियो ड्रेप्स।
क्या शेयर करें, क्या नहीं: यह क्रिएटिव है, पर जिम्मेदारी भी जरूरी है।
कंसेंट: किसी और की फोटो से रेट्रो पोर्ट्रेट बनाने से पहले लिखित अनुमति लें, खासकर नाबालिगों की।
डीपफेक से बचें: किसी सेलिब्रिटी/व्यक्ति की छवि को गुमराह करने वाले संदर्भ में न इस्तेमाल करें।
कॉपिराइट/ब्रांडिंग: पैकेजिंग-स्टाइल विजुअल या पोस्टर बनाते समय ट्रे़डमार्क/लोगो न जोड़ें।
प्राइवेसी: पहचान पत्र, घर का नंबर, स्कूल यूनिफॉर्म जैसी संवेदनशील चीजें फोटो में न रहें।
कब क्या काम आता है: क्रिएटर्स रील-थंबनेल, पोस्टर, कवर्स, फोटो-सीरीज़ के लिए इसे अपना रहे हैं। छोटे ब्रांड पुराने जमाने वाले ऐड-लुक के लिए यही एस्थेटिक चुन रहे हैं—कम खर्च, ज्यादा असर। शादी/इवेंट निमंत्रण कार्ड, आर्ट-प्रिंट, या पर्सनल पोर्टफोलियो—हर जगह यह स्टाइल फिट बैठता है।
नैनो बनाना बनाम रेट्रो पोर्ट्रेट: नैनो बनाना का मज़ा मिनिएचर और पैकेजिंग-डिटेल्स में था। रेट्रो पोर्ट्रेट का असर चेहरे, लाइटिंग और कलर-ग्रेडिंग से आता है। एक में “खिलौना-सा मैं”, दूसरे में “फिल्म-सा मैं”—दोनों AI की रचनात्मक दिशा दिखाते हैं, पर नए ट्रेंड में पर्सनल स्टाइलिंग और कहानी कहने की गुंजाइश ज्यादा है।
कुछ प्रैक्टिकल टिप्स:
बैच में 3–4 वैरिएंट जेनरेट कर लें, सबसे नैचुरल चुनें।
आउटडोर बैकग्राउंड चाहिए तो “narrow alley at dusk” या “old cinema foyer” जैसे शब्द जोड़ें।
रंग-गर्माहट कंट्रोल में रखें—सोशल पर स्किन-टोन ओवरऑरेंज होने से फोटो नकली लगती है।
पोस्ट करने से पहले कम्प्रेशन-लॉस चेक करें—इंस्टा पर अपलोड से पहले हल्का शार्पन और माइक्रो-कॉन्ट्रास्ट मदद करता है।
AI और सोशल मीडिया का रिश्ता अब सीधा है—प्लेटफॉर्म अपडेट आता है, और कुछ ही दिनों में नया विज़ुअल लैंग्वेज बन जाता है। नैनो बनाना ने तीन-डायमेंशनल खेल दिखाया, अब 90s रेट्रो पोर्ट्रेट उस नॉस्टेल्जिया को छू रहे हैं जो हर किसी के एल्बम में कहीं था। फर्क बस इतना है कि अब वही एहसास टेक्स्ट की कुछ लाइनों से वापस आ जाता है।
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