एशिया और अमेरिका के वित्तीय बाजारों में मंगलवार को अचानक संघर्ष की स्थिति देखने को मिली जब नेवेडिया के शेयरों में लगभग 10% की भारी गिरावट आई। नेवेडिया, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चिप बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी है, के शेयर न्यूयॉर्क में 9.5% टूट गए, जिसके परिणामस्वरूप इसकी मार्केट वैल्यू में $279 अरब (212.9 अरब पाउंड) की कमी आई।
यह गिरावट उस समय आई है जब निवेशक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका को मंदी के मुहाने पर देख रहे हैं। नेवेडिया की इस गिरावट ने एआई बूम के प्रति निवेशकों के उत्साह को झटका दिया है। इस घटना का असर केवल नेवेडिया पर ही नहीं, बल्कि अन्य प्रमुख अमेरिकी टेक कंपनियों पर भी पड़ा है।
गिरावट का प्रभाव सिर्फ नेवेडिया तक सीमित नहीं रहा। अल्फाबेट, एपल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी प्रमुख अमेरिकी टेक कंपनियों के भी शेयर इसमें संलग्न हुए और भारी गिरावट देखने को मिली। इस वजह से एसएंडपी 500 इंडेक्स दिन के अंत में 2% से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि टेक्नोलॉजी-हैवी नैस्डैक 3% से अधिक टूट गया।
नेवेडिया की गिरावट का असर एशियाई बाजारों में भी देखने को मिला। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 4.4% गिर गया, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 3% नीचे चला गया और हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 1.3% गिरा।
इस गिरावट से प्रमुख एशियाई टेक्नोलॉजी कंपनियों जैसे TSMC, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स, SK Hynix और टोक्यो इलेक्ट्रॉन के स्टॉकों में भी भारी गिरावट आई।
FTSE रसेल की जूलिया ली ने कहा कि 'विकास चिंताओं' ने बाजार की गतिविधियों पर दबाव बना दिया है और ऐसे चिंताएं विशेषकर निर्यातक देशों को भारी पड़ रही हैं।
शुक्रवार को जारी होने वाली अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल रिपोर्ट का भी बाज़ार के निवेशक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस रिपोर्ट की संख्या पर यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा भविष्य में ब्याज दरां में संभावित परिवर्तन की धरती तैयार कर सकती है।
इस समय, सभी की नजरें अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति पर टिकी हैं। विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इस प्रकार की गिरावटें निवेशकों के विश्वास को प्रभावित कर सकती हैं और यह अनिश्चितता के माहौल को और गहरा कर सकती है। स्टॉक मार्केट पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ आशा कर रहे हैं कि यूएस फेडरल रिजर्व ऐसी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपने निर्णय लेगा जिससे बाजार में स्थिरता आ सके।
वित्तीय बाजार की यह स्थिति केवल निवेशकों के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी चिंताजनक है। बाजार में लगातार गिरावट आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकती है, जिससे रोजगार पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
यह समय न केवल कंपनियों के लिए बल्कि व्यक्तिगत निवेशकों के लिए भी सावधान रहने का है। वित्तीय सलाहकार निवेशकों को धैर्य रखने और अपनी रणनीतियों पर ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं। महत्वपूर्ण यह भी है कि लोग अनावश्यक पैनिक में आकर फैसले न लें।
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात स्पष्ट होती है कि वित्तीय बाजार बेहद संवेदनशील और अप्रत्याशित हो सकते हैं। निवेशकों के लिए यह समय उन क्षेत्रों में फिर से सोचने का है जहां वे सुरक्षित और दीर्घकालिक लाभ देख सकते हैं।
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