शक्तिकांत दास बने प्रधानमंत्री के दूसरे प्रधान सचिव: नई भूमिका की शुरुआत

भारत के आर्थिक परिदृश्य में शक्तिकांत दास का नाम एक अनुभवी और कुशल प्रशासक के रूप में जाना जाता है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उन्हें दूसरे प्रधान सचिव के रूप में नियुक्त किया है। यह एक नई भूमिका है जो उनके करियर को और भी नई ऊँचाइयाँ देगी।

प्रधान सचिव के रूप में नई जिम्मेदारियाँ

श्री दास का यह कार्यकाल 22 फरवरी, 2025 से शुरू होगा और यह नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के साथ समाप्त होगा। इस पद का सृजन पहली बार किया गया है और यह दास की अर्थव्यवस्था और नीतिगत विशेषज्ञता का प्रमाण है। इस भूमिका में, वे विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित करेंगे और वित्तीय तथा मौद्रिक नीतियों पर परामर्श देंगे।

उनके साथ मौजूदा प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा भी काम करेंगे, जो इस बदलाव को और अधिक प्रभावी तथा कारगर बनाने में सहायता करेंगे।

शक्तिकांत दास का करियर और अनुभव

शक्तिकांत दास का करियर और अनुभव

1980 बैच के आईएएस अधिकारी शक्तिकांत दास ने आरबीआई गवर्नर के रूप में 2018 से 2024 तक सेवा की, जहां उनकी भूमिका हमेशा चुनौतीपूर्ण रही। उन्होंने नोटबंदी, कोविड-19 महामारी और मुद्रास्फीति जैसी कठिन परिस्थितियों का सामना किया।

उनके करियर का एक महत्वपूर्ण समय तब था जब वे आर्थिक मामलों के सचिव और राजस्व सचिव भी रह चुके हैं। इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग में भी उनकी सदस्यता रही है। इन सबके बीच, उन्होंने सरकारी और केंद्रीय बैंक के बीच सामंजस्य स्थापित करने के अपने कौशल को प्रदर्शित किया।

श्री दास की यह नियुक्ति आर्थिक नीति और कार्यान्वयन के क्षेत्र में उनके व्यापक अनुभव को ध्यान में रखकर की गई है। उनका यह नया कार्यकाल भारतीय प्रशासनिक परंपरा में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा, जिसमें गुणात्मक समन्वय और योजनाबद्ध नीति निर्माण का प्राथमिक स्थान होगा।

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