जब आप समाचार, हर दिन भारत और दुनिया की घटनाओं का संकलन है. इसे कभी‑कभी ख़बरें भी कहा जाता है, लेकिन इसका अर्थ सिर्फ़ जानकारी तक सीमित नहीं, यह लोगों की सोच, निर्णय और भावनाओं को भी आकार देता है। यही कारण है कि क्रिकेट, देश‑विदेश की लोकप्रिय खेल प्रतियोगिताएँ और शेयर बाजार, धन‑संपदा के लेन‑देनों की जगह दोनों को समाचार में विशेष स्थान मिलता है। साथ ही राजनीति, सरकार, चुनाव और नीति‑निर्माण के घटनाक्रम की खबरें देश के भविष्य को निर्धारित करती हैं। इस पेज पर आप इन तीन मुख्य क्षेत्रों का संयोजन देखेंगे – जहाँ क्रिकेट के स्कोर और खिलाड़ी की राय मिलती है, शेयर बाजार के उतार‑चढ़ाव के विश्लेषण होते हैं, और राजनीति के चुनावी परिणाम तथा नीति‑परिवर्तन पर गहराई से चर्चा होती है। इस प्रकार समाचार सिर्फ़ एक सूचना स्रोत नहीं, बल्कि जीवन के कई पहलुओं को जोड़ने वाला पुल है।
समाचार क्रिकेट को कवर करते समय केवल मैच का परिणाम नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की फॉर्म, कोचिंग रणनीति और दर्शकों की प्रतिक्रिया भी दिखाता है; यह फैंस को अगले मैच की तैयारी में मदद करता है। वहीँ शेयर बाजार की रिपोर्टें आर्थिक नीति, विदेशी ट्रेड और कंपनी की कमाई को जोड़कर निवेशकों को निर्णय लेने में सहयोग देती हैं। राजनीति की खबरें इन दोनों को प्रभावित करती हैं – एक नई नीति शेयर मूल्य को ऊपर‑नीचे कर सकती है, और राष्ट्रीय टीम के प्रदर्शन पर राजनीतिक बयान अक्सर सार्वजनिक भावना को आकार देते हैं। इस त्रिकोणीय संबंध को समझना पाठकों को संपूर्ण परिप्रेक्ष्य देता है, जिससे वे सिर्फ़ एक ही खबर को नहीं, बल्कि उसके पीछे के कारण‑परिणाम को देख सकते हैं। इस पृष्ठ की सभी पोस्ट इन आपसी कनेक्शनों को दर्शाती हैं, चाहे वह एक महिला क्रिकेट टीम की कमजोरी हो, या टाटा मोटर्स के डिमर्जर पर शेयर गिरावट, या दिल्ली विधानसभा चुनाव की जीत‑हार।
नीचे दिया गया सूचिबद्ध लेखों का समूह आपको 2025 के प्रमुख घटनाक्रमों की झलक देगा। आप पढ़ेंगे कि कैसे क्रिकेट के मैच‑विशेष आंकड़े, शेयर बाजार के उतार‑चढ़ाव, और राजनीति की नई नीति‑परिवर्तन एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। इस विस्तृत संग्रह से आप न केवल ताज़ा खबरें जानेंगे, बल्कि उनका व्यापक प्रभाव भी समझ पाएंगे – जिससे अगली बार जब आप कोई निर्णय लें, आपके पास सही संदर्भ होगा।
5 अक्टूबर 2025 को एशियाई ट्रेडिंग के दौरान बिटकॉइन ने $125,689 का नया शिखर छूकर इतिहास रचा, संस्थागत निवेश और मौद्रिक असुरक्षा ने इस उछाल को तेज किया।