जब हम डोनाल्ड ट्रम्प, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और व्यापार रणनीति के प्रमुख. Also known as Donald Trump, वह वैश्विक वित्तीय बाजारों में बड़ी भूमिका निभाते हैं। उनके टैरिफ कदमों ने सोना, एक पारंपरिक सुरक्षित निवेश साधन की कीमत को सीधे बढ़ाया है। इस कारण से सोने की कीमत $3,000/औंस से ऊपर चली गई, जिससे भारतीय निवेशकों को नई चुनौतियां और अवसर मिले।
अमेरिका, दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति ने ट्रम्प के दौर में चीन पर कड़ी टैरिफ नीति लागू की। इससे चीन, दुनिया की प्रमुख निर्यातक अर्थव्यवस्था के साथ व्यापारिक तनाव बढ़ा, और दोनों देशों के बीच वस्तु कीमतों में अस्थिरता आई। इस विविधता ने निवेशकों को सुवर्ण में सुरक्षा खोजने पर मजबूर किया, जबकि विदेशी मुद्रा बाजार में असंतुलन बना रहा।
डोनाल्ड ट्रम्प की आर्थिक निर्णय प्रक्रिया का एक बड़ा पहलू टैरिफ के माध्यम से आयात को सीमित करके घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है। यह रणनीति टैरिफ को व्यापार उपकरण के रूप में उपयोग करती है, जिससे अंततः सोना जैसे सुरक्षित एसेट की मांग में इजाफा होता है। व्यापार विशेषज्ञ इस संबंध को "टैरिफ‑सोना‑बाजार त्रिकोण" के रूप में वर्णित करते हैं: टैरिफ बढ़े → डॉलर कमजोर → सोना महंगा। अप्रैल‑मई 2024 में इस त्रिकोण ने भारतीय निवेशकों को 6,000 रुपये की अतिरिक्त लागत दिखायी।
इन सब बातों को देखते हुए आप नीचे दी गई लेख श्रृंखला में पाएँगे: ट्रम्प की टैरिफ नीति के पीछे का विचार, सोने की कीमतों पर उसका सीधा असर, और अमेरिका‑चीन व्यापार तनाव के दीर्घकालिक परिणाम। इस संग्रह में प्रत्येक लेख आपको स्पष्ट आँकड़े, विशेषज्ञ राय और व्यावहारिक सलाह देगा, जिससे आप अपने निवेश या आर्थिक समझ को बेहतर बना सकेंगे। आगे की सामग्री में इन प्रमुख बिंदुओं की गहरी जाँच है—पढ़िये और जानिए कि कैसे वैश्विक नीति आपके रोज़मर्रा के फैसलों को प्रभावित करती है।
गुप्त सेवा प्रमुख किम्बर्ली ए. चीटले से सोमवार को कैपिटल हिल पर सुनवाई के दौरान सुरक्षा खामियों पर तीखे सवाल पूछे गए, जिससे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प पर एक हत्या का प्रयास हुआ था। सुनवाई में कई सवालों का जवाब देने में उनकी अनिच्छा ने विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने ट्रम्प रैली की तुलना करते हुए महिला कर्मियों की भर्ती व स्टाफिंग स्तर के बारे में बात की।
कमला हैरिस की राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में संभावनाओं पर विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डालते हुए उनके तीन मुख्य ताकतों और कमजोरियों का विश्लेषण। जो बाइडन के राष्ट्रपति पद से निवृत्त होने के पश्चात, हैरिस डेमोक्रेटिक पार्ट के प्रमुख प्रत्याशी के रूप में उभरी हैं।