जब हम एनएसई, भारत का प्रमुख राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज, जहाँ लाखों ट्रेड रोज़ होते हैं, National Stock Exchange की बात करते हैं, तो सबसे पहले बैंकों, ऑटो और टेक कंपनियों के शेयर हलचल पर नजर आती है। साथ ही शेयर बाजार, वित्तीय उपकरणों की खरीद‑बेच का व्यापक प्लेटफ़ॉर्म, जिसमें ए़ंट्री‑लेवल निवेशक और संस्थागत खिलाड़ी दोनों शामिल हैं की गहरी समझ आवश्यक है। एनएसई सिर्फ़ एक मंच नहीं, बल्कि एक आर्थिक संकेतक है जो इंडेक्स, बाजार के विभिन्न सेक्टरों की औसत कीमतों का प्रतिनिधित्व करने वाला बेंचमार्क, जैसे NIFTY 50 और सेंसेक्स के माध्यम से निवेशकों को दिशा देता है। एनएसई में होने वाले हर बड़े कदम, जैसे डिमर्जर या नई कंपनी लिस्टिंग, सीधे‑सीधे बाजार प्रवृत्ति को बदलते हैं।
टाटा कैपिटल के ₹15,512 करोड़ आईपीओ ने 7 अक्टूबर को 75% बिडिंग, कर्मचारी कोटा 194% ओवरसबसक्राइब हासिल किया, लाइफ इन्शुरांस कॉरपोरेशन मुख्य एंकर निवेशक रहा।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, दोनों ही 2025 के बजट के दिन खुले रहे, जोकि 1 फरवरी को पड़ा था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बजट प्रस्तुत किया। आर्थिक सर्वेक्षण में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश की आवश्यकता बताई गई। इस दिन का उद्देश्य उच्च विकास दर बनाए रखना था। बजट की प्रत्याशा में सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी भी देखी गई।