जब जवाहरलाल नेहरू, भारत के पहले प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और आधुनिक भारत के विचारक. वह अक्सर पितामह के नाम से भी याद रखे जाते हैं, तो उनका जीवन जानना हमें उस युग की जड़ें समझाता है। नेहरू ने भारतीय स्वतंत्रता, ब्रिटिश राज से मुक्ति और लोकतांत्रिक ढांचे की स्थापना को एक नई दिशा दी। इसी दिशा में उन्होंने गैर‑संरेखित आंदोलन, शीत युद्ध के दौर में स्वतंत्र देशों के सहयोगी समूह की स्थापना की, जिससे भारत की विदेश नीति में संतुलन आया। इन तीनों तत्वों – नेहरू, स्वतंत्रता, और गैर‑संरेखित आंदोलन – आपस में जुड़े हुए हैं; नेहरू ने स्वतंत्रता को लोकतांत्रिक सिद्धांतों से जोड़ते हुए विदेश में गैर‑संकुचित राह बनायी।जवाहरलाल नेहरू के विचारों को समझना आज के राजनीतिक और सामाजिक संदर्भ में भी उतना ही उपयोगी है जितना उनके समय में था।
भारत में प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है, जो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिवस है। बच्चों के प्रति उनके लगाव के कारण उन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' कहा जाता था। इस दिन का लक्ष्य बच्चों की अधिकारों और भविष्य की दिशा में ध्यान देना है। इसे 'बाल दिवस' के नाम से भी जाना जाता है, और यह बच्चों की खुशियों और उन्नति को प्राथमिकता देने के महत्व को उजागर करता है।