अक्टूबर 23, 2024 को नैरोबी के रुअराका स्पोर्ट्स क्लब ग्राउंड में हुए एक ऐतिहासिक T20I मैच में ज़िम्बाब्वे ने क्रिकेट विश्व को चौंका दिया। इस दिन ज़िम्बाब्वे की टीम ने इतिहास रचते हुए गाम्बिया के खिलाफ 344 रन बनाकर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया। इस प्रयास में ज़िम्बाब्वे के बल्लेबाजों की मेहनत और आत्मसंयम की स्पष्ट छाप दिखी। यह स्कोर टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ा स्कोर बन गया।
ज़िम्बाब्वे के कप्तान सिकंदर रज़ा का योगदान इस जीत में बेहद महत्वपूर्ण रहा। रज़ा ने मात्र 43 गेंदों में नाबाद 133 रन बनाए, जिसमें 7 चौके और 15 शानदार छक्के शामिल थे। रज़ा की आक्रामकता और उनकी बल्लेबाजी की तेजी की तारीफ हर कोई कर रहा है। उनका रिकॉर्ड शतक मात्र 33 गेंदों में आया, जो T20I में दूसरा सबसे तेज़ शतक है। यह रिकॉर्ड रज़ा की खेल में महारत और उनके आत्मबल की गवाही देता है।
ज़िम्बाब्वे की टीम ने न केवल सबसे बड़ा स्कोर बनाया, बल्कि उन्होंने सबसे ज़्यादा छक्के (27) और चौके (30) भी जड़े। इस तरह उन्होंने नेपाल के पूर्व रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया, जिसने 2023 एशियन गेम्स में 314-3 रन बनाकर एक बड़ा स्कोर बनाया था। पूरे मैच में बल्ले से सोने जैसे चमकने वाले रज़ा के अलावा, टीम के अन्य खिलाड़ियों ने भी उल्लेखनीय योगदान दिया।
टीम के ओपनरों ब्रायन बेनेट और तादीवानाशे मारूमानि ने 34 गेंदों में 98 रन की साझेदारी कर बेहतरीन शुरुआत दी। मारूमानि ने मात्र 19 गेंदों में 62 रन बनाए, जबकि बेनेट ने 25 गेंदों में अपनी अर्धशतक पूरी की। इसके बाद क्लाइव मादनडे ने भी नाबाद 50 रन बनाकर टीम को मजबूती दी।
जब गाम्बिया की टीम मैदान में उतरी तो ज़िम्बाब्वे के गेंदबाज़ों के सामने उनका टिक पाना मुश्किल हो गया। गाम्बिया ने 54 रन पर ही अपने सारे विकेट खो दिए, जिससे ज़िम्बाब्वे को 290 रन के विशाल अंतर से जीत हासिल हुई। यह भी रिकॉर्ड है, क्योंकि यह टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट के इतिहास की सबसे बड़ी जीत है।
गाम्बिया के गेंदबाज़ मुसा जोबार्टेह के लिए यह मैच बुरा सपना साबित हुआ। उन्होंने 4 ओवरों में 93 रन देकर टी20I इतिहास की सबसे महंगी स्पेल का रिकॉर्ड बना लिया। इस प्रदर्शन ने गाम्बिया की स्थिति को और भी मुश्किल बना दिया।
ज़िम्बाब्वे की इस ऐतिहासिक जीत ने उनके टीम की रणनीति, तैयारी और प्रदर्शन कौशल को स्पष्ट किया। इस मैच ने साबित कर दिया कि जब टीम के आत्मबल और खेल भावना के साथ मैदान में उतारा जाता है, तो चमत्कार होते ही हैं।
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