भारतीय 2 रिव्यू: सामाजिक भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष, लेकिन कमजोर कहानी

सेनापति की वापसी और सामाजिक बदलाव की उम्मीद

1996 में आई फिल्म 'भारतीय' ने भ्रष्टाचार और समाज में नैतिकता की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला था। इस फिल्म के प्रमुख किरदार थे सेनापति, एक वृद्ध जो समाज में फैले भ्रष्टाचार से लड़ने का संकल्प लेते हैं। अब, 'भारतीय 2' के साथ, निर्देशक शंकर ने इस कथा के साथ एक बार फिर से दर्शकों के दिलों को जीतने का प्रयास किया है।

‘भारतीय 2’ की कहानी सेनापति के इर्द-गिर्द घूमती है, जो सोशल मीडिया कैंपेन '#ComeBackIndian' के वायरल होने के बाद भारत लौटता है। फिल्म का प्लॉट कुछ हद तक उस पुराने समय की याद दिलाता है, लेकिन इस बार कहानी में कुछ नए मोड़ और ट्विस्ट जोड़े गए हैं। सेनापति अब भी भ्रष्टाचार और सामाजिक अन्याय के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।

फिल्म में कमल हासन ने सेनापति का किरदार निभाया है, जो अब पहले से भी अधिक प्रभावशाली और आदर्शवादी दिखते हैं। हालांकि, फिल्म की लंबाई 180 मिनट के बावजूद, दर्शकों को कहानी में कुछ नया और रोमांचक नहीं मिल पाता।

समृद्ध स्टार कास्ट और उनके प्रदर्शन

‘भारतीय 2’ में कई नामचीन सितारे शामिल हैं जैसे सिद्धार्थ, रकुल प्रीत सिंह, एसजे सूर्या, बॉबी सिम्हा, विवेक, और प्रिया भवानी शंकर। हर एक कलाकार ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है, लेकिन कमजोर प्लॉट और संवादों के चलते वे अपने सर्वोत्तम प्रदर्शन को नहीं पहुंचा सके।

सिद्धार्थ और रकुल प्रीत सिंह की जोड़ी

सिद्धार्थ और रकुल प्रीत सिंह की जोड़ी ने फिल्म में अच्छी केमिस्ट्री दिखाई है। फिल्म में दोनों ने अपने किरदार को जीवंत किया है और उनके संवाद भी कुछ हद तक दर्शकों को बांधने में सफल रहे हैं, लेकिन कहानी में गहराई की कमी दर्शकों को निराश करती है।

एसजे सूर्या और बॉबी सिम्हा का अभिनय

एसजे सूर्या और बॉबी सिम्हा ने अपने अंदाज में हीरो और विलेन का किरदार निभाया है। उनके अभिनय में कहीं भी कमी नहीं रही, लेकिन प्लॉट के कमजोर होने के कारण उनका प्रदर्शन भी उतना प्रभावी नहीं हो पाया।

संवादों की कमी और अप्रभावी निर्देशन

संवादों की कमी और अप्रभावी निर्देशन

फिल्म में कई जगहों पर संवाद कमजोर और अप्रभावी लगे। निर्देशन के मामले में भी, शंकर ने अपने पुराने स्टाइल को दुहराने की कोशिश की, लेकिन इस बार वह दर्शकों को बांधने में असमर्थ रहे। फिल्म की कथा को अधिक संवेदनशील और संवादों को प्रभावी बनाने की जरूरत थी।

संगीत और दृश्य

फिल्म में एआर रहमान का संगीत एक मात्र चमकदार पक्ष है। हालांकि कुछ पुराने ट्रैक को फिर से इस्तेमाल किया गया है, लेकिन उनका मैजिक अब भी दर्शकों को मोहित कर सकता है। दृश्यात्मक तौर पर, फिल्म ने अपनी खास पहचान बनाई है।

सीक्वल की उम्मीद और भविष्य

सीक्वल की उम्मीद और भविष्य

फिल्म के अंत में 'भारतीय 3' के लिए एक टीजर भी शामिल किया गया है, जो दर्शकों को भविष्य में इस श्रृंखला की ओर देखने के लिए प्रेरित करता है। हालांकि, अगर कहानी और संवादों में सुधार नहीं किया गया तो अगली फिल्म भी दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाएगी।

निष्कर्ष

‘भारतीय 2’ एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी, लेकिन कमजोर प्लॉट, अप्रभावी संवाद और निराशाजनक निर्देशन ने इसे एक औसत फिल्म बना दिया। फिल्म में कई दमदार कलाकारों का अभिनय और एआर रहमान का दिलचस्प संगीत है, जो इसे एक बार देखने लायक बनाता है। लेकिन अगर आप ‘भारतीय’ की तरह एक और धमाकेदार फिल्म की उम्मीद में हैं, तो आप निराश हो सकते हैं।

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