जब इंडिया मौसम विभाग (IMD) ने 6 अक्टूबर 2025 के लिये 12 राज्यों में विस्तृत मौसम चेतावनी जारी की, तो देश भर में घर‑घर में टीवी और मोबाइल का स्क्रीन चमक उठा। यह चेतावनी केवल हल्की बारिश नहीं, बल्कि तेज़ वर्षा, घनी बादलवाली धूप‑हट्टी, तीव्र बिजली‑गर्जन और तेज हवाएँ भी शामिल करती है। मुख्य बात यह है कि राजस्थान को सबसे कड़ा नारंगी अलर्ट मिला है, जबकि बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल आदि को पीला अलर्ट दिया गया।
अक्टूबर की शुरुआत में मौसमी दबाव कमज़ोर हो रहा था, इसलिए दक्षिण‑पश्चिमी मौसमी प्रणाली ने देश के उत्तर‑पूर्वीय हिस्से में बहुत तेज़ गति पकड़ ली। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार 90‑120 km/h तक पहुँचने वाली हवाएँ कई क्षेत्रों में जलजमाव और बाढ़ की स्थिति बना सकती हैं। पिछले साल के इसी समय जब वही प्रणाली आई थी, तो उत्तराखण्ड में 150 वर्ग किमी का क्षेत्र बाढ़‑ग्रस्त हो गया था।
IMD ने नीचे दिए गये प्रदेशों को चार अलग‑अलग चेतावनी स्तरों में वर्गीकृत किया है:
विशेष रूप से राजस्थान को नारंगी अलर्ट मिला है। विभाग ने कहा है कि रात‑भर ओले की संभावना 60 % से अधिक है, जिससे कृषि‑उत्पादन और सड़क‑परिवहन पर गहरा असर पड़ सकता है। बिहार का मौसम भी उथला नहीं है; यहाँ तेज़ हवाओं के साथ 70‑90 mm/hour की भारी बारिश की उम्मीद है, जबकि तापमान 28‑30 °C तक बना रहेगा।
IMD के निदेशक डॉ. रवि कुमार ने एक टॉशन में कहा, “हमने अब तक के सबसे विस्तृत मॉडलिंग डेटा के आधार पर यह अलर्ट जारी किया है। कृपया नागरिक अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें और फसलों की सुरक्षा हेतु शीघ्र कार्य करें।”
कृषि विभाग ने तुरंत किसानों को जल‑रोकथाम के लिए बाड़‑बारी, नाले साफ़ करने और पौधों को कवर करने की सलाह दी। पंजाब और हरियाणा में धान, मक्का व गेहूँ की कटाई के लिए अग्रिम में कटाई करने की सिफ़ारिश की गई है, क्योंकि कई क्षेत्रों में ओले और तेज़ हवाओं से फसलें नुकसान का शिकार हो सकती हैं।
दिल्ली‑एनसीआर में सोमवार‑मंगल को तेज़ बारिश का अनुमान है, जिससे प्रमुख राजमार्गों पर जलजमाव और ट्रैफ़िक जाम हो सकता है। एमसीटी (MCT) ने कहा है कि सार्वजनिक परिवहन के दौरान यात्रियों को सतर्क रहना चाहिए और आवश्यक दस्तावेज़ साथ रखना चाहिए। उत्तराखण्ड में पर्वतीय क्षेत्रों में बाढ़‑से‑लड़ाई (लैंडस्लाइड) की संभावनाएँ निकटतम नदियों में जलस्तर में तेज़ी से वृद्धि के कारण बढ़ गई हैं। स्थानीय प्रशासन ने कई बुनियादी ढाँचे (सड़क, पुल, जल निकासी) को अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की है।
गुजरात और महाराष्ट्र में इस अलर्ट के जारी होने के बावजूद मौसम विभाग ने राहत का संकेत दिया है। दोनों राज्यों में पिछले दो हफ्तों से लगातार बारिश के कारण जल‑भराव हुए थे, पर अब हल्की धूप‑हट्टी के साथ स्थितियां सुधर रही हैं।
IMD ने अगले 5‑6 दिनों के लिए मौसमी मॉडल को दो‑तीन बार अपडेट किया है। मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश व बिहार में अगली दो रातों में मौसम थोड़ी राहत दिखा सकता है, परन्तु तेज़ हवा और छोटे‑बादलों की संभावना बनी रहेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि अक्टूबर के मध्य में जब पवन‑दिशा बदलती है, तो पूरे उत्तरी भारत में एक बार फिर से ठंडा‑हवा (कूल‑विंड) प्रवेश कर सकता है, जिससे तापमान 20‑22 °C तक गिर सकता है।
इस बीच, सभी नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे स्थानीय प्राधिकरणों के आधिकारिक चैनलों—जैसे कि IMD की वेबसाइट, राज्य मौसम विभाग के ट्विटर अकाउंट और मोबाइल एप्लिकेशन—पर नियमित रूप से अपडेट देखें। चलते‑फिरते या बाहर काम करने वाले लोग विशेष रूप से गीली सड़कों पर फिसलन और बिजली‑गर्जन के प्रति सतर्क रहें।
राजस्थान और पंजाब में तेज़ बारिश व ओले से धान व गेहूँ की फसलें 15‑20% तक नुकसान झेल सकती हैं। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि किसान तुरंत फसलों को कपड़े या प्लास्टिक से ढकें और बाढ़‑रोकथाम के लिए नालों को साफ़ रखें।
लगातार बारिश के कारण कई मुख्य राजमार्गों पर जलजमाव और दुर्घटनाएँ बढ़ सकती हैं। दिल्ली ट्रैफ़िक प्राधिकरण ने वैकल्पिक मार्गों की सिफ़ारिश की है और सार्वजनिक परिवहन को अतिरिक्त बसें प्रदान करने का फैसला किया है।
स्थानीय प्रशासन ने पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को तुरंत निचले स्तर पर स्थानांतरित होने का निर्देश दिया है। साथ ही नारियल‑पानी‑जैसे बाढ़‑रोकथाम के लिए सीढ़ियों और सीमेंट के बंधन की मरम्मत की जा रही है।
इन दो पश्चिमी राज्यों में अब हल्की धूप‑हट्टी का पूर्वानुमान है और पिछले कुछ दिनों की लगातार बारिश से बचाव के उपायों की आवश्यकता नहीं रहेगी। लेकिन स्थानीय स्तर पर जल‑निचोड़ की रिपोर्ट अभी भी जारी है।
IMD ने बताया है कि अक्टूबर के मध्य में ठंडी हवाएँ चलेगी, जिससे तापमान थोड़ा घटेगा। फिर भी अगले दो‑तीन दिनों में कुछ क्षेत्रों में दोबारा तेज़ बारिश की संभावना बनी रहती है, इसलिए सतर्कता जारी रखनी चाहिए।
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