सुपर 4 चरण में भारत के बाद सबसे महत्वपूर्ण मुकाबले के रूप में देखी जा रही इस टकराव में बांग्लादेश के कप्तान जाकार अली ने टॉस जीतते ही पहले गेंदबाज़ी का विकल्प चुना। उनका कहना था कि पिच आज काफी सूखी है और उनके बॉलर‑ऑर्डर ने पहले भी इस तरह की स्थिति में अच्छी कामयाबी हासिल की है। जाकार ने यह भी जोड़ा कि "हमें इस मैच में बड़ा स्कोर नहीं बनना है, बल्कि जीत की मानसिकता के साथ खेलना है"। तीन बदलावों के साथ बांग्लादेश ने अपनी बैटिंग लाइन‑अप को भी मजबूत किया था।
टॉस के बाद बांग्लादेश की गेंदबाज़ी ने तुरंत प्रभाव दिखाया। पहले दस ओवर में उन्होंने पाकिस्तान को 49 रन पर 5 विकेट के साथ दबाव में डाल दिया। इस दौर में टीम के तेज़ गेंदबाज तस्किन अहमद ने तीन विकेट लेकर सबसे बड़ा योगदान दिया।
हालाँकि शुरुआती झटके के बाद पाकिस्तान ने धीरज नहीं छोड़ा। मोहम्मद हारिस (31), मोहम्मद नवाज़ (25) और शहीन अफ़रदी (19) की छोटी‑छोटी लेकिन प्रभावी पारी ने टीम को 135/8 तक ले जाकर लक्ष्य तय किया। बांग्लादेश को लक्ष्य तक पहुँचने के लिए लगातार दबाव में रहना पड़ा, लेकिन शहीन अफ़रदी और हारिस रौफ़ की पावक गेंदबाज़ी ने अंत में बांग्लादेश को 124/9 पर रोक दिया।
पाकिस्तान ने 11 रन के मामूली अंतर से मैच जीत लिया और फाइनल में भारत के साथ आमने-सामने होने का रास्ता तय किया। यह एशिया कप के इतिहास में पहली बार हुआ कि भारत‑पाकिस्तान फाइनल में मिलेंगे, क्योंकि पिछले 16 संस्करणों में दोनों टीमें कभी एक साथ फाइनल में नहीं पहुँची थीं।
यह जीत पाकिस्तान के लिये सिर्फ फाइनल में जगह ही नहीं, बल्कि एशिया कप के इतिहास में एक नया अध्याय भी लिखी। हिमालय से लेकर मेहकङ तक, क्रिकेट प्रेमियों ने इस तीव्र मुकाबले को बड़े उत्साह के साथ देखा और अब फाइनल में भारत‑पाकिस्तान के दो दिग्गजों की टक्कर का इंतज़ार बेताबियों से किया जा रहा है।
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