सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के ताज़ा मुकाबले में इशान किशन ने अपनी बल्लेबाजी से मानो तूफान खड़ा कर दिया। 23 गेंदों में 77 रन बनाते हुए उन्होंने अपने विरोधियों के छक्के छुड़ा दिए। किशन, जो झारखंड की ओर से खेले, ने मैदान पर ऐसी फेरबदल की मानो एक बल्लेबाज नहीं, पूरा तूफान मैदान में उतर आया हो। उनकी तेजतर्रार बल्लेबाजी की बदौलत झारखंड ने मैच पर अपनी पकड़ बनायी, जो उनके आगामी क्रिकेट सत्र के लिए एक मजबूत संकेत है।
जहां एक ओर इशान किशन का बल्ला बोला, वहीं मोहम्मद शमी की गैरमौजूदगी ने दर्शकों को चिंता में डाल दिया। भारतीय टीम के इस प्रमुख तेज़ गेंदबाज का मैदान पर न होना कई सवाल खड़े कर गया। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उनकी वापसी के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन एक मामूली चोट ने उन्हें बाहर रखा। यह चोट भले ही एहतियातन बताई गई हो, लेकिन आगामी अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के मद्देनज़र शमी का फिट होना टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
खिलाड़ियों की फिटनेस का प्रबंधन क्रिकेट में एक गंभीर समस्या बन चुका है। खासकर उस समय जब खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के लिए तैयारी कर रहे होते हैं। मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ी, जो टीम इंडिया के गेंदबाजी आक्रमण का मुख्य हिस्सा हैं, की फिटनेस में थोड़ी भी असमर्थता बड़ी समस्या बनकर उभर सकती है। यह घटना क्रिकेट जगत में फिटनेस और धैर्य के महत्व को पुनः रेखांकित करती है।
इन परिस्थितियों में, जहां इशान किशन के धमाकेदार परफॉर्मेंस ने धूम मचा दी है, वहीं मोहम्मद शमी की चोट ने हमें याद दिलाया कि क्रिकेट केवल एक गेम नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की फिटनेस का भी खेल है। इस घटना से भारतीय क्रिकेट टीम के प्रशंसकों को उम्मीद है कि शमी जल्द ही अपने पुराने रंग में लौट आएंगे और आगामी मुकाबलों में अपनी ताकत और अनुभव का बखूबी इस्तेमाल करेंगे।
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