केरल में निपाह वायरस से 14 वर्षीय लड़के की मृत्यु: केंद्र करेगा सहायता

केरल में निपाह वायरस का प्रकोप

केरल के मलप्पुरम जिले के पांडिक्कड गांव में 14 वर्षीय लड़के की निपाह वायरस के संक्रमण से मृत्यु हो गई। रविवार को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में, लड़के ने प्रातः 10:50 बजे एक तीव्र हृदयगति रुकने का सामना किया और पुनर्जीवन के प्रयासों के बावजूद, 11:30 बजे उसने दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने घटना की पुष्टी की। यह भी बताया कि हृदयगति रुकने से पहले लड़के का मूत्र उत्पादन बहुत कम था।

स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का विस्तृत विवरण

स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का विस्तृत विवरण

लड़के का शुक्रवार से अस्पताल में उपचार चल रहा था और वह वेंटिलेटर पर था। इस दुखद घटना के बाद, राज्य सरकार ने तुरंत हरकत में आकर कई आपातकालीन स्वास्थ्य प्रबंधन योजनाएँ बनाई। वर्तमान में कोझिकोड गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तीन लोग आइसोलेशन में हैं और मंjeri GMCH में चार लोग आइसोलेशन में हैं, जिसमें से एक गहन चिकित्सा इकाई में है।

निपाह संक्रमण की विस्तृत जानकारी

संपर्क सूची में 246 लोगों को शामिल किया गया है, जिनमें से 63 लोग उच्च जोखिम श्रेणी में आते हैं। संभावित संक्रमित लोगों की पहचान के लिए, पांडिक्कड और अनक्कयम पंचायतों में घर-घर सर्वेक्षण करने का आदेश दिया गया है। इन दोनों पंचायतों में विशेष बुखार क्लीनिक भी स्थापित किए जाएंगे।

अंतराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का पालन

फ्यूनरल और मृत्यु पश्चात प्रक्रियाओं के लिए राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय निपाह प्रोटोकॉल का पालन करने की पुष्टि की है। इससे महामारी की रोकथाम में मदद मिलेगी और स्वास्थ्य अधिकारियों की दिशा-निर्देश अनुसार कार्य सुनिश्चित किया जाएगा।

केरल के मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया और नागरिकों से निपाह वायरस से लड़ने के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की। उन्होंने यह भी गौर किया कि प्राकृतिक प्रतिवासों का रक्षा करना और संभवतः संक्रमित जानवरों तथा वस्तुओं से संपर्क को टालना आवश्यक है।

निपाह वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और नागरिकों को इसके लक्षणों के बारे में समय पर जानकारी देना भी महत्वपूर्ण है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि ये वायरस प्राकृतिक संसाधनों के अतिक्रमण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण फैल रहा है, जिससे उपजीवों का प्रतिस्पर्धी व्यवहार बढ़ रहा है।

सहयोग और समर्थन

सहयोग और समर्थन

केंद्र सरकार ने केरल को इस संकट से लड़ने में पूर्ण समर्थन देने का वादा किया है। स्वास्थ्य मंत्री मंसुख मंडाविया ने स्थिति की निगरानी के लिए एक विशेष टीम भेजी है और आवश्यक दवाइयाँ और संसाधन उपलब्ध कराए हैं। इस गंभीर परिस्थिति में नागरिकों को भी सजग और सतर्क रहना जरूरी है।

इस खतरनाक वायरस के बारे में जागरूकता फैलाने और इसे रोकने के प्रयासों में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ मीडिया और सामाजिक संस्थाओं की बड़ी भूमिका है। प्रत्येक व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और किसी भी संदिग्ध लक्षणों के प्रकट होने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।

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