जब आप IPO, प्राथमिक सार्वजनिक प्रस्ताव, यानी कंपनी अपने शेयर पहली बार जनता को बेचती है. Also known as प्राथमिक सार्वजनिक प्रस्ताव, it marks a major milestone for both the firm and potential investors.
इसी प्रक्रिया में डिमर्जर, कंपनी को दो या दो से अधिक इकाइयों में विभाजित करना, जिससे नई कंपनियों के शेयर अलग-अलग जारी होते हैं. This action often triggers a fresh IPO cycle because each new entity needs capital to grow.
जब डिमर्जर के बाद नई कंपनियां अपने शेयर, कंपनी में हिस्सेदारी दर्शाने वाले इकाइयाँ जो निवेशकों को बेचे जाते हैं लॉन्च करती हैं, तो निवेशकों को दो प्रमुख सवाल उठते हैं: कंपनी का मूल्यांकन कितना उचित है और बाजार में इसे कैसे पकड़ा जाए?
इन सवालों के जवाब अक्सर निवेश की रणनीति और स्टॉक मार्केट की स्थिति पर निर्भर करते हैं। अगर बाजार में तरलता अधिक है और सूचकांक स्थिर या ऊपर की ओर है, तो IPO के सब्सक्रिप्शन में बढ़ोतरी देखी जाती है। वहीं, नियामक नीतियाँ और SEBI की नई दिशानिर्देशें सब्सक्रिप्शन प्रक्रिया को तेज या धीमा कर सकती हैं।
वास्तविक दुनिया में हम कई उदाहरण देख सकते हैं। टाटा मोटर्स का डिमर्जर, जिसमें दो नई कंपनियों के शेयर अलग-अलग जारी हुए, ने शुरुआती दौर में शेयर कीमतों में 40% गिरावट देखी। लेकिन नॉन‑इंस्टीट्यूशनल निवेशकों की तेज़ मांग ने बाद में कीमत को स्थिर किया। इसी तरह, मंगल इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्रीज का IPO 9.46 गुना सब्सक्राइब हुआ, जो पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में उत्साह को दर्शाता है।
इन केस स्टडीज़ से एक स्पष्ट पैटर्न निकलता है: IPO को समझना सिर्फ शुरुआती कीमत देख कर नहीं, बल्कि कंपनी की मूलभूत ताक़त, उद्योग का ट्रेंड और नियामक वातावरण को जोड़कर देखा जाता है। जब आप किसी कंपनी के भविष्य को आंकते हैं, तो उसके प्रोडक्ट लाइन, मैनेजमेंट टीम, और फिनांशियल हेल्थ को भी देखना चाहिए।
साथ ही, IPO में निवेश करने से पहले कुछ आसान चेकलिस्ट बनाना फायदेमंद रहता है: 1) प्रॉस्पेक्टस पढ़ें, 2) इकोनॉमिक मॉडलों को समझें, 3) वैल्यूएशन मेथड (जैसे DCF या P/E) का प्रयोग करें, और 4) जोखिम प्रोफ़ाइल को जानें। इससे आप अनावश्यक नुकसान से बच सकते हैं और संभावित रिटर्न को अधिकतम कर सकते हैं।
जब आप इस पेज पर नीचे सूचीबद्ध लेखों को पढ़ेंगे, तो आप देखेंगे कि कैसे विभिन्न कंपनियों के IPO ने बाजार में धूम मचा दी, किन कारकों ने सफलता या असफलता को तय किया, और किन रणनीतियों से निवेशकों ने बेहतर रिटर्न कमाया। अब आगे बढ़ते हैं और इस संग्रह में शामिल प्रमुख IPO अपडेट, विश्लेषण और निवेश टिप्स पर नज़र डालते हैं।
टाटा कैपिटल के ₹15,512 करोड़ आईपीओ ने 7 अक्टूबर को 75% बिडिंग, कर्मचारी कोटा 194% ओवरसबसक्राइब हासिल किया, लाइफ इन्शुरांस कॉरपोरेशन मुख्य एंकर निवेशक रहा।
श्री तिरुपति बालाजी एग्रो ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड का आईपीओ 5 सितंबर 2024 को खुला और 9 सितंबर 2024 को बंद हो जाएगा, जिसने निवेशकों की जबरदस्त मांग प्राप्त की है। सब्सक्रिप्शन के अंतिम घंटों में, आईपीओ को 37.45 गुना सब्सक्राइब किया गया। शेयर आवंटन 10 सितंबर 2024 को निर्धारित है और बीएसई और एनएसई पर 12 सितंबर 2024 को सूचीबद्ध होने की संभावना है।
ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ 2 अगस्त से 6 अगस्त तक खुलेगा और इसका प्राइस बैंड 72-76 रुपये प्रति शेयर होगा। कंपनी इस आईपीओ से 5,500 करोड़ रु जुटाने की योजना बना रही है। इसमें प्रमोटर और निवेशकों द्वारा 8,49,41,997 शेयरों की बिक्री और नए शेयरों का इश्यू शामिल होगा। इस धनराशि का उपयोग बैटरी उत्पादन क्षमता बढ़ाने और ऋण चुकाने के लिए किया जाएगा।
व्रज आयरन एंड स्टील के आईपीओ से शेयर बाजार में 2 जुलाई को 30% से अधिक लाभ होने का अनुमान है। विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी की पॉजिटिव अर्निंग्स, उचित मूल्यांकन, स्वस्थ व्यापार संभावनाएं और क्षेत्रीय अनुकूलता इसके लाभ का कारण बनेंगी। कंपनी के आईपीओ को निवेशकों द्वारा बहुत ज्यादा सराहा गया है।